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‘2024 में एनडीए की सरकार का बनना आदिवासियों के लिए खतरनाक’ रांची की उलगुलान न्याय महारैली में कल्पना सोरेन ने पढ़ा हेमंत सोरेन का खत

रांची की उलगुलान न्याय महारैली में कल्पना सोरेन ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन का भावुक खत पढ़ा. इसमें उन्होंने लिखा है कि 2024 में एनडीए की सरकार का बनना आदिवासियों के लिए खतरनाक साबित होगा.

रांची: झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में रविवार को इंडिया गठबंधन की ओर से उलगुलान न्याय महारैली आयोजित की गयी. देशभर के नेताओं ने महारैली के जरिए सियासी शक्ति का प्रदर्शन किया. झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने जय झारखंड के साथ लोगों का स्वागत किया. उन्होंने मंच से हेमंत सोरेन का भावुक खत पढ़ा. हेमंत सोरेन ने पत्र के जरिए संदेश दिया कि 2024 में एनडीए की सरकार बनी, तो ये सरकार आदिवासियों के लिए खतरनाक साबित होगी. केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर उन्हें जेल में डाल दिया गया है. यही वजह है कि वे महारैली में उपस्थित नहीं हैं. पत्र के जरिए जेल से संदेश भिजवाने पर मजबूर हैं.

जेल से संदेश भिजवाने की है विवशता
हेमंत सोरेन के पत्र को कल्पना सोरेन ने पढ़कर सुनाया. इसमें लिखा था कि झारखंड उलगुलान रैली में मैं आपके साथ नहीं हूं. कई दिनों से केंद्र सरकार ने मुझे और अरविंद केजरीवाल व उनके साथियों को जेल में डाल रखा है. आजादी के बाद पहली बार किसी राज्य के मुख्यमंत्री और शीर्ष नेताओं को जेल में रखा गया है. खैर, मुझे ख़ुशी है कि हम अपने देश के लिए लड़ रहे हैं. उलगुलान का मतलब ही है अब और नहीं चलेगा. देश टूटने नहीं देंगे. एक तरफ इंडिया गठबंधन के लोग हैं और दूसरी तरफ देश को लूटने वाले लोग हैं. 2014 में एनडीए की सरकार बनते ही ये स्थिति है. कहीं सरकार गिरा दी जाती है तो कहीं खरीद ली जाती है. स्थिति ये है कि जेल से आज संदेश भिजवाना पड़ रहा है.

आदिवासी विरोधी कानून बना रही है केंद्र सरकार
उलगुलान न्याय महारैली में कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन का पत्र पढ़ते हुए कहा कि देश में 2014 से लोगों की आंखों में धूल झोंका गया है. बड़ी सफाई से यह सब हुआ है. इस चुनाव में बड़े पैमाने पर केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल हो रहा है. आज ऐसे ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं जिससे कई तरह से देश के हर धर्म-पंथ के लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. जब हम अपना अधिकार मांगते हैं तो हमें जेल भेजा जाता है. देश में जिस तरह से सरकार नए-नए कानून बना रही है, उससे सबसे प्रभावित आदिवासी हुए हैं. इनके नियम-कानून आदिवासी विरोधी रहे हैं. कई महीनों से मणिपुर जल रहा है. वहां आदिवासी बहनों की अस्मत लूटी जा रही है. उन्हें परेशान किया जा रहा है लेकिन केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है.

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2024 में एनडीए सरकार का बनना आदिवासियों के लिए खतरनाक
झारखंड में सीएनटी एक्ट जैसे कई कानून लागू हैं. अगर झारखंड में 2024 में इनकी सरकार बनती है तो ये हम आदिवासियों के लिए खतरनाक है. झारखंड में कई संवेदनशील मुद्दे हैं जैसे सरना धर्म कोड और खतियान का. ऐसे में अगर इनकी सरकार बनती है तो ये कभी लागू नहीं हो पायेगा. 2024 में हम इंडिया गठबंधन के साथ आगामी चुनाव लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी.

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