रिम्स को सीधे नामकुम ग्रिड से होगी बिजली आपूर्ति, ओवरहेड तार हटेंगे
रिम्स सहित राजधानी का एक बड़ा इलाका बिजली की उच्च क्षमतावाले भूमिगत केबल से जल्द ही जुड़ जायेगा.
रांची. रिम्स सहित राजधानी का एक बड़ा इलाका बिजली की उच्च क्षमतावाले भूमिगत केबल से जल्द ही जुड़ जायेगा. इससे रिम्स को नामकुम ग्रिड से सीधे बिजली आपूर्ति हो पायेगी. किसी भी आंधी-पानी का कोई असर नहीं होगा. इसके लिए फ्लाइओवर के नीचे से 440 स्क्वॉयर एमएम क्षमता के आठ बंच केबल कांटाटोली चौक होते हुए जमीन के नीचे से डेलाटोली से आगे कोकर सबस्टेशनों से जुड़ेगा. फिलहाल इस उच्च क्षमता केबल को चार्ज करने का काम अंतिम चरण में है. 33 केवी नामकुम- रिम्स लाइन चालू होने से पीएचडी, विकास और रुक्का पीएसएस से जुड़े उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा. कोकर, लालपुर, सर्कुलर रोड, वर्धमान कंपाउंड और डंगराटोली में भी निर्बाध बिजली आपूर्ति हो पायेगी.
सर्किट ब्रेक होने से नहीं मिली थी सफलता
जानकारी के अनुसार, 33 केवीए कोकर अर्बन सबस्टेशन को चार्ज करने का प्रयास किया गया था, लेकिन सर्किट ब्रेक होने से सफलता नहीं मिल सकी थी. अब जल्दी ही इसे दोबारा शुरू करने का प्रयास होगा. झारखंड संपूर्ण बिजली आच्छादन योजना (जसबे-टू) के तहत प्रोजेक्ट को अब पूरा कर लिया गया है. जुडको और जेबीवीएनएल के बीच राइट ऑफ वे (आरओडब्लू) की अनुमति नहीं मिलने से पूर्व में काफी दिनों तक यहां काम बाधित था.
दोनों तरफ से अस्पताल पहुंचेगा अंडरग्राउंड केबल
रिम्स फिलहाल केवल कांके ग्रिड से जुड़ा है, जबकि नामकुम ग्रिड से यहां 33 केवी तार ऊपर रेल पोल के सहारे ही पहुंच रहा है. काम पूरा होने पर 33 केवीए फीडर सीधे नामकुम ग्रिड से भूमिगत तरीके से जुड़ जायेगा. इसके बाद आंधी-तूफान या किसी भी आपात स्थिति में रिम्स के साथ ही इसके आसपास के सारे हॉस्पिटल और व्यावसायिक केंद्र को निर्बाध बिजली मिल सकेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है