Unemployment Registration In Jharkhand रांची : झारखंड के विभिन्न नियोजनालयों में नौ लाख 14 हजार 712 बेरोजगार निबंधित हैं. इनमें सात लाख आठ हजार 631 सक्रिय हैं. यानी इतने लोगों को अब भी रोजगार की तलाश है. शेष लोगों को कहीं न कहीं रोजगार मिल चुका है. सक्रिय उम्मीदवारों में 481501 पुरुष और 226304 महिला हैं.
निबंधन कराने वाले बेरोजगारों में नन मैट्रिक से लेकर डॉक्टरेट डिग्री तक वाले हैं. सबसे अधिक बेरोजगार 12वीं पास वाले हैं. इनकी संख्या 226597 है. दूसरे स्थान पर स्नातक पास 217180 उम्मीदवार बेरोजगार हैं. वहीं 10वीं पास 158030 उम्मीदवार हैं. 42334 पीजी डिग्रीधारी बेरोजगार हैं.
69 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनके पास डॉक्टरेट की डिग्री है पर रोजगार नहीं है. वहीं 46333 डिप्लोमा होल्डर उम्मीदवार हैं. आइटीआइ सर्टिफिकेट प्राप्त 38830 उम्मीदवार हैं. 5497 ऐसे उम्मीदवार हैं जो किसी न किसी प्रकार के सर्टिफिकेट धारी हैं. 13545 ऐसे हैं जो मैट्रिक या इससे कम शिक्षित हैं. वहीं 3553 उम्मीदवार ऐसे हैं जो पूरी तरह अनस्कील्ड हैं.
नियोजनालयों में निबंधित बेरोजगारों में सबसे अधिक संख्या ओबीसी यानी पिछड़े वर्ग के हैं. ओबीसी कैटगरी के दो लाख 58 हजार 371 उम्मीदवार हैं. इनमें कुछ ने बीसी-1 और कुछ ने बीसी-2 कैगटगरी में निबंधन कराया है. बीसी-1 में 95430 उम्मीदवार हैं जबकि बीसी टू के रूप में 2776 ने अलग से निबंधन कराया है.
आर्थिक रूप से पिछड़ों की श्रेणी में 84 उम्मीदवारों ने निबंधन कराया है. वहीं अनुसूचित जनजाति के एक लाख 45 हजार 460 उम्मीदवार बेरोजगार हैं. जबकि अनुसूचित जाति यानी एससी कैटगरी के 75204 उम्मीदवार हैं. जबकि सामान्य श्रेणी के 129901 उम्मीदवार बेरोजगार हैं.
श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर नियोजनालयों में निबंधित बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए रोजगार मेला लगाया जाता है. जहां विभिन्न कंपनियां योग्यता व कंपनी की मांग के अनुसार नियुक्ति पत्र देती हैं. पिछले दो वर्षों में 810 रोजगार मेला लगाये जा चुके हैं. इनमें 47793 लोगों को किसी न किसी कंपनी में नौकरी मिली है.
श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयासरत है. समय-समय पर रोजगार मेला लगाया जा रहा है. नियोजनालयों में निबंधित बेरोजगारों के लिए रोजगार मेला लगता है. निबंधन से बेरोजगारों की वास्तविक संख्या भी पता चल सकती है. अब भी जो भी बेरोजगार हैं और रोजगार चाहते हैं तो वे अपने-अपने क्षेत्र के नियोजनालयों में निबंधन करा लें.
Posted By : Sameer Oraon