20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड: 15 दिसंबर को उपवास पर रहेंगे 10 हजार से अधिक वित्तरहित शिक्षक व कर्मचारी, ऐसे जारी रहेगा आंदोलन

झारखंड वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा की बैठक में आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की तैयारियों की समीक्षा की गयी. इस अवसर पर रघुनाथ सिंह, कुंदन कुमार सिंह, संजय कुमार, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, अरविंद सिंह, मनीष कुमार, गणेश महतो सहित कई अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे.

रांची, राणा प्रताप: झारखंड वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा की ओर से विभिन्न लंबित मांगों को लेकर 15 दिसंबर से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा. पहले दिन 15 दिसंबर को राज्य में संचालित वित्तरहित संस्थान जैसे संस्कृत स्कूल, हाईस्कूल, मदरसा व इंटर कॉलेजों के 10000 से अधिक शिक्षक व कर्मचारी उपवास पर रहेंगे. इसके बाद इनका चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा. शैक्षणिक हड़ताल के बाद 19 दिसंबर को झारखंड विधानसभा के समक्ष धरना देंगे. गुरुवार को मोर्चा की बैठक में आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की तैयारियों की समीक्षा की गयी. इस अवसर पर रघुनाथ सिंह, कुंदन कुमार सिंह, संजय कुमार, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, अरविंद सिंह, मनीष कुमार, गणेश महतो सहित कई अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे.

18 दिसंबर को शैक्षणिक हड़ताल

18 दिसंबर को वित्तरहित स्कूल, मदरसा व इंटर कॉलेजों में शैक्षणिक हड़ताल रहेगा. संस्थानों में प्रवेश द्वार पर ताला लगा रहेगा. उस दिन पठन-पाठन का कार्य नहीं होगा. शिक्षक व कर्मी अपने-अपने संस्थान में वित्तरहित नीति के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

Also Read: झारखंड के 10 हजार से अधिक वित्तरहित शिक्षक आर-पार के मूड में, उपवास से लेकर सीएम आवास घेराव तक का है प्लान

19 दिसंबर को विधानसभा के समक्ष धरना

कहा गया कि 19 दिसंबर को विधानसभा के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया जायेगा. 20 दिसंबर को राज्यभर के शिक्षक अपने विधायकों के आवास का घेराव करेंगे. 21 दिसंबर को भी शिक्षक विधायकों का घेराव करेंगे. मांगें नहीं मानी गयी, तो मुख्यमंत्री के आवास का घेराव किया जाएगा.

Also Read: झारखंड: कांग्रेस सांसद धीरज साहू कैश बरामदगी मामला पहुंचा हाईकोर्ट, CBI व ED से जांच कराने को लेकर याचिका दायर

ये हैं मांगें

आपको बता दें कि झारखंड वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने विभिन्न लंबित मांगों को लेकर आगामी विधानसभा सत्र के दौरान चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है. इस बाबत पिछले दिनों राज्यभर से आये प्रधानाचार्यों, प्राचार्यों व शिक्षक प्रतिनिधियों की बैठक में निर्णय लिया गया था. बैठक की अध्यक्षता सुरेंद्र झा ने की थी, जबकि संचालन अनिल तिवारी ने किया था. वित्तरहित संस्थानों को चार गुना अनुदान के विभागीय प्रस्ताव पर मंत्री के अनुमोदन के बाद संलेख अविलंब विधि और वित्त के साथ कैबिनेट की सहमति के लिए भेजने तथा वितरहित शिक्षाकर्मियों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग की गयी थी.

Also Read: झारखंड: CM हेमंत सोरेन ने ‘संवाद’ से JMM कार्यकर्ताओं का बढ़ाया मनोबल, 2024 के चुनावों को जीतने का दिया मंत्र

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें