झारखंड के 10 हजार से अधिक वित्तरहित शिक्षक आर-पार के मूड में, उपवास से लेकर सीएम आवास घेराव तक का है प्लान
15 दिसंबर को 10000 वित्तरहित शिक्षक-कर्मी उपवास पर रहेंगे. 18 दिसंबर को शिक्षक व कर्मी अपने-अपने विद्यालयों व इंटर कॉलेजों में वित्तरहित का पुतला दहन करेंगे. मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जायेगा. 19 दिसंबर को विधानसभा के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया जायेगा.
रांची, राणा प्रताप: झारखंड वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने विभिन्न लंबित मांगों को लेकर आगामी विधानसभा सत्र के दौरान चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है. इस बाबत राज्यभर से आये प्रधानाचार्यों, प्राचार्यों व शिक्षक प्रतिनिधियों की बैठक में निर्णय लिया गया. बैठक की अध्यक्षता सुरेंद्र झा ने की, जबकि संचालन अनिल तिवारी ने किया. वित्तरहित संस्थानों को चार गुना अनुदान के विभागीय प्रस्ताव पर मंत्री के अनुमोदन के बाद संलेख अविलंब विधि और वित्त के साथ कैबिनेट की सहमति के लिए भेजने तथा वितरहित शिक्षाकर्मियों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग की गयी.
15 दिसंबर से करेंगे उपवास
वित्तरहित शिक्षण संस्थानों को घाटानुदान देने तथा वित्तीय वर्ष 2020-2021 का रुका हुआ अनुदान देने की मांग भी की गयी. बैठक में लिये गये आंदोलनात्मक निर्णय के अनुसार 15 दिसंबर को 10000 वित्तरहित शिक्षक-कर्मी उपवास पर रहेंगे. 18 दिसंबर को शिक्षक व कर्मी अपने-अपने विद्यालयों व इंटर कॉलेजों में वित्तरहित का पुतला दहन करेंगे. मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जायेगा. 19 दिसंबर को विधानसभा के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया जायेगा.
विधायकों के आवास का करेंगे घेराव
20 दिसंबर को राज्यभर के शिक्षक अपने विधायकों के आवास का घेराव करेंगे. 21 दिसंबर को भी शिक्षक विधायकों का घेराव करेंगे. मांगें नहीं मानी गयी, तो मुख्यमंत्री के आवास का घेराव किया जायेगा. इस अवसर पर कुंदन कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, गणेश महतो, अरविंद सिंह, मनीष कुमार, देवनाथ सिंह, अनिल तिवारी, अरुण कुमार, मनोज तिर्की, रघु विश्वकर्मा सहित सैकड़ों प्राचार्य, प्रधानाचार्य व शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित थे.