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Union Budget 2023: झारखंड के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करे केंद्र सरकार, टैक्स स्लैब्स को भी बढ़ाये- चेंबर

रांची के झारखंड चेंबर भवन में प्री बजट परिचर्चा का आयोजन हुआ. इस दौरान जहां विशेष पैकेज की घोषणा की मांग की गयी, वहीं टैक्स सैलब को बढ़ाने पर भी जोर दिया. इसके अलावा व्यापारियों के लिए बीमा, स्वास्थ्य और पेंशन की सुविधा एवं महिला सुरक्षा को लेकर भी बजट में विशेष प्रावधान की मांग की गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2023 4:39 PM

Union Budget 2023: एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी. बजट को लेकर हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं. इसे लेकर प्रभात खबर ने आम बजट के पूर्व सभी वर्गों को एक मंच पर लाकर झारखंड चेंबर भवन में प्री बजट परिचर्चा का आयोजन किया. हर वर्ग ने अपनी बातें बेबाकी से रखीं. अलग-अलग वर्गों के लोगों ने कहा कि 22 साल बाद भी झारखंड पिछड़ा राज्य है. झारखंड के लिए विशेष पैकेज की घोषणा होनी चाहिए. सरकार टैक्स के स्लैब को बढ़ाये, ताकि अधिक-से-अधिक लोगों को राहत मिले सके. MSME के लिए बेहतर नीति लायी जाए. साथ ही व्यापारियों के लिए बीमा, स्वास्थ्य और पेंशन की सुविधा होनी चाहिए. महिला सुरक्षा को लेकर बजट में विशेष प्रावधान होना चाहिए.

जानिए झारखंड चेंबर के सदस्यों की राय

फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि झारखंड के लिए एक्सप्रेस- वे की घोषणा होनी चाहिए. साथ ही व्यापारियों के लिए बीमा, स्वास्थ्य और पेंशन की सुविधा होनी चाहिए. 22 साल बाद भी झारखंड पिछड़ा हुआ है, इसके लिए विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए. वहीं, अर्थशास्त्री डॉ हरीश्वर दयाल ने कहा कि कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. सबसे पहले ध्यान देना चाहिए कि पैसा कहां से आयेगा और कहां पर खर्च होगा. कॉस्ट कैलकुलेशन अच्छी तरह से होना चाहिए. खर्च के हिसाब से यह बजट महत्वपूर्ण है.

काम के अधिकार को महत्व देना जरूरी

झारखंड चेंबर के महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन ने कहा कि विदेशों में जीडीपी का अच्छा-खासा पैसा शिक्षा और स्वास्थ्य पर जाता है. लेकिन, भारत में यह एक से तीन प्रतिशत ही है. जब तक फ्री की चीजों को बंद नहीं करेंगे, तब तक स्थिति नहीं सुधर पायेगी. काम के अधिकार को महत्व देना होगा. वहीं, झारखंड चेंबर के उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि 22 साल बाद भी झारखंड पिछड़ा राज्य है. इसके लिए विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाये. झारखंड में दो रेल कारखाना स्थापित करने के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करना चाहिए.

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लोगों को राहत देने के लिए सरकार टैक्स स्लैब को बढ़ाए

झारखंड चेंबर के उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि झारखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को लेकर फोकस होना चाहिए. इसके लिए विशेष रूप से बजट में राशि का आवंटन करना चाहिए. वहीं, झारखंड चेंबर के पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि मध्यमवर्गीय व्यवसायियों पर ध्यान देना चाहिए. सरकार टैक्स के स्लैब को बढ़ाये, ताकि अधिक-से-अधिक लोगों को राहत मिले. दवा सहित सर्जिकल आइटम पर बड़ा मार्जिन है. इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.

स्पेशल पैकेज की घोषणा होनी चाहिए

झारखंड चेंबर के पूर्व अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि झारखंड के लिए स्पेशल पैकेज की घोषणा होनी चाहिए. साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करना चाहिए. MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए अलग से पैकेज लाना चाहिए. फ्री की सुविधा बंद करनी चाहिए. झारखंड चेंबर के सह सचिव शैलेश अग्रवाल ने कहा कि रांची के एयरपोर्ट को भले ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा मिला है. लेकिन, यहां से अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट की कनेक्टिवटी नहीं है. सुविधा शुरू होती, तो लोगों को राहत मिलती.

हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में मिलने वाली छूट सीमा को बढ़ायी जाए

झारखंड चेंबर की प्रवक्ता ज्योति कुमारी ने कहा कि छोटे उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना तैयार करने की जरूरत है, ताकि नये उद्यमी प्रोत्साहित होकर काम कर सकें. आज छोटे उद्योग की संख्या पूरे देश में है, लेकिन इनके लिए ठोस नीति का अभाव है. सरकार का फोकस इस विषय पर होना चाहिए. वहीं, आईसीएआई, रांची शाखा के अध्यक्ष सीए प्रभात कुमार ने कहा कि सीनियर सिटीजन को बचत खाते और एफडी में ब्याज राशि में मिलने वाली छूट सीमा को 50,000 से अधिक किया जाये. साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में मिलने वाली छूट सीमा बढ़ायी जाये.

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सैलरी पेशा लोगों को मिलने वाली स्टैंडर्ड छूट की सीमा में हो बढ़ोतरी

आईसीएआई उपाध्यक्ष सीए पंकज मक्कड़ ने कहा कि वर्ष 2014 -15 के बाद स्लैब रेट में छूट की सीमा नहीं बढ़ायी गयी है. इस पर केंद्र सरकार को समीक्षा कर आमलोगों को राहत देने की योजना पर काम करना चाहिए. लोगों को बजट से राहत मिले. वहीं, सीए जेपी शर्मा की राय है कि सैलरी पेशा लोगों को मिलने वाली स्टैंडर्ड छूट की सीमा को 50,000 से बढ़ायी जाए. साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस में लगनेवाले जीएसटी को खत्म किया जाए.

रांची में खुले एम्स

शशांक भारद्वाज की राय है कि बजट विकास को बढ़ावा देने वाला होना चाहिए. सस्ती लोकप्रियता का भाव बजट में नहीं होना चाहिए. आधारभूत संरचनाओं को बढ़ावा देने के लिए बजट में पर्याप्त राशि होनी चाहिए. वहीं, अरुण जोशी का मानना है कि हर राज्य में दो से तीन एम्स खुल रहे हैं, रांची में भी एम्स खोलने की पहल होनी चाहिए. हर साल टैक्स रीजाइम बदलने की सुविधा सैलरीड क्लास की तरह बिजनेस मैन को भी मिलनी चाहिए.

लघु उद्योग न्यायिक आयोग की स्थापना

जेसिया उपाध्यक्ष बिनोद अग्रवाल ने कहा कि व्यापारी और उद्यमियों के लिए पेंशन की व्यवस्था होनी चाहिए. वे लगभग पूरा समय सरकार के टैक्स कलेक्शन में लगे रहते हैं. वहीं, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष विजय छापड़िया की राय है कि उद्योगों के संरक्षण और विकास के लिए एक लघु उद्योग न्यायिक आयोग की स्थापना की जाये, ताकि लघु उद्योग की समस्याओं का निष्पादन त्वरित गति से हो सके. लघु उद्योग भारती के उपाध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल का कहना है कि वर्तमान में युवा एमएसएमई की ओर आकर्षित नहीं हो रहे हैं. इसके लिए सरकार को बेहतर नीति लानी चाहिए, ताकि युवा इस ओर आगे बढ़ें.

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फुटपाथ और ठेले वालों के लिए सरकार को बजट में विशेष प्रावधान करना चाहिए

विनय छापड़िया ने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस में सरकार 18 प्रतिशत जीएसटी लेती है. एक परिवार अपनी सुरक्षा के लिए इसे लेती है. इस पर जीएसटी कम-से-कम या नहीं लेना चाहिए. वहीं, संतोष अग्रवाल ने कहा कि फुटपाथ और ठेले वालों के लिए सरकार को बजट में विशेष प्रावधान करना चाहिए, ताकि उनका जीवन स्तर उपर उठ सके. उन्हें बिना किसी परेशानी के लिए एक निश्चित ऋण सुविधा मिलनी चाहिए. प्रमोद चौधरी ने कहा कि झारखंड में कई आयरन ओर का माइंस बंद हैं. नुकसान यह हो रहा है कि मजबूरन ओड़िशा से आयरन ओर मंगाना पड़ रहा है. इससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा है. आयरन ओर इंडस्ट्री को केंद्र को खुलवाना चाहिए.

फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर फोकस हो

झारखंड हाइकोर्ट के वकील राहुल साबू ने कहा कि हर कोई सुप्रीम कोर्ट तक नहीं पहुंच पाते हैं. सुप्रीम कोर्ट का भी डिसेंट्रलाइजेशन होना चाहिए. इस्टर्न, वेस्टर्न सहित अन्य बेंच होना चाहिए, ताकि लोग वहां तक पहुंच सकें. वहीं, प्रेमा तिर्की की राय है कि झारखंड में टमाटर सहित आलू की अच्छी खेती होती है. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री नहीं होने से बड़ी मात्रा में यह खराब हो जाता है, जिससे इसका सदुपयोग नहीं हो जाता है. फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर फोकस करना होगा. इसके अलावा संतोष ने कहा कि झारखंड ने कई प्रतिभावान खिलाड़ी देश को दिया है. यहां के खिलाड़ी प्रतिभाशाली हैं. बजट में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की घोषणा हो, तो यहां के खिलाड़ियों को काफी सहूलियत होती.

स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा देने पर हो फोकस

राजू चौधरी ने कहा कि झारखंड के स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा देने पर फोकस करना चाहिए. झारखंड में भी बड़ी-बड़ी फिल्मों का निर्माण हो सकें, इसकी बजट में घोषणा होनी चाहिए. वहीं, दिलीप पोद्दार ने कहा कि कोरोना के कारण छोटे लघु और कुटीर उद्योग समाप्ति के कगार पर पहुंच गये हैं. लोगों के पास पैसा नहीं है. बजट में छोटे और लघु उद्योग को बढ़ावा देने का प्रावधान करना चाहिए. संदीप नागपाल की राय है कि सभी ट्रेनों में पुन: विकलांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए टिकट में छूट देनी चाहिए. रांची में जोनल कार्यालय खोलने की घोषणा होनी चाहिए. कार्यालय खुलने से रेलवे संबंधित सभी समस्याओं का निराकरण हो पाता.

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करदाता के समस्या का समाधान जरूरी

डा शालिनी साबू ने कहा कि झारखंड में पर्यटन के विकास की असीम संभावना है, इसलिए केंद्रीय बजट में झारखंड में टूरिज्म यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रावधान किया जाना चाहिए. इससे राज्य की छवि निखरेगी. पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा. वहीं, अजय सखूजा की राय है कि वर्तमान में जरूरी है कि ऑनलाइन मार्केटिंग को लेकर नीति बनायी जाये. इस कारण ट्रेड मार्केटिग के साथ आम लोगों के साथ भी धोखा हो रहा है. इसे बारीकी से समझना होगा. रमेश साहू ने कहा कि जीएसटी भुगतान के नियम का सरलीकरण जरूरी है, क्योंकि भवन निर्माण से जुड़े लोगों के बिल और भुगतान की प्रक्रिया जटिल है. इससे जुड़े लोगों को परेशानी हो रही है. करदाता के समस्या का समाधान आवश्यक है.

महिला सुरक्षा को लेकर बजट में विशेष प्रावधान होना चाहिए

अलीशा गुप्ता ने कहा कि कागजी प्रक्रिया से हट कर वास्तविकता में बैंकिंग सेक्टर को मजबूत बनाते हुए काम करना चाहिए, जो जमीनी स्तर तक पहुंचें. इससे आम लोगों को लाभ मिले. वहीं, सविता सिंह महिला सुरक्षा को लेकर बजट में विशेष प्रावधान होना चाहिए. निश्चित तौर पर इस पर काम हो रहा है, पर इसे और मजबूती प्रदान करने की जरूरत है, ताकि महिलाएं सुरक्षित वातावरण में काम कर सकें. विवेक अग्रवाल ने कहा कि एचईसी केंद्रीय उपक्रम है, लेकिन संस्थान का हाल बदहाल है. केंद्र सरकार को इसके संरक्षण और संवर्द्धन के लिए विशेष तौर पर फोकस करना चाहिए.

हर 10 से 15 किमी की परिधि में सरकारी क्लीनिक की हो व्यवस्था

गीता रानी जैन ने कहा कि गरीबों के उत्थान के लिए चलायी जा रही योजना को गति मिले. इसकी समीक्षा कर विशेष योजना का भी बजट में प्रावधान किया जाना चाहिए. वहीं, मरिया पूनम कुजूर ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाया जाना चाहिए. हर 10 से 15 किमी की परिधि में सरकारी क्लीनिक की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि लोगों को चिकित्सीय सुविधा मिल सके. वीणा देबुका ने कहा कि ऑनलाइन बाजार से परंपरागत रूप से व्यवसाय से जुड़े लोगों पर संकट के बादल हैं. ऐसे में इसे लेकर कोई स्पष्ट और ठोस नीति सरकार के स्तर पर तैयार होनी चाहिए. वहीं, आनंद जालान ने कहा कि विकलांगों एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेनों के टिकट में छूट की सुविधा दोबारा शुरू करनी चाहिए, ताकि ऐसे लोगों को राहत मिल सके.

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