Budget 2023 Expectations: बजट से एमएसएमई एवं स्टार्टअप को लेकर क्या हैं उम्मीदें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज बुधवार को केंद्रीय बजट-2023 संसद में पेश करेंगी. जेसिया (झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) के अध्यक्ष अंजय पचेरिवाला कहते हैं कि एमएसएमई को लेकर केंद्रीय बजट में कई प्रावधान किए जाने की उम्मीद है. ब्याज दरों में अनुदान मिले. टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन में मदद दी जाए.

By Guru Swarup Mishra | February 1, 2023 10:06 AM
an image

Budget 2023 Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज बुधवार को केंद्रीय बजट-2023 संसद में पेश करेंगी. इस पर पूरे देश की निगाहें हैं. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) और स्टार्टअप को लेकर भी काफी उम्मीदें हैं. जेसिया (झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) के अध्यक्ष अंजय पचेरिवाला कहते हैं कि एमएसएमई में ब्याज दरों में अनुदान मिले. टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन में मदद दी जाए. नये स्टार्टअप/एमएसएमई को शुरू के 3 साल के लिए सभी तरह के लाइसेंस सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर मुक्त किया जाना चाहिए.

एमएसएमई को लेकर ये हैं उम्मीदें

जेसिया (झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) के अध्यक्ष अंजय पचेरिवाला कहते हैं कि एमएसएमई को लेकर केंद्रीय बजट में कई प्रावधान किए जाने की उम्मीद है. ब्याज दरों में अनुदान मिले. टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन में मदद दी जाए. एमएसएमई में मेड इन इंडिया/प्रोडक्शन लिंक स्कीम की सुविधा मिले. आयात सामग्री के विकास में सह‌योग मिले. किसान क्रेडिट कार्ड की तरह एमएसएमई क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिले. सभी नयी मेगा यूनिट को अपनी कुल जमीन का 5 फीसदी जमीन में एमएसएमई पार्क बनाना होगा. वहां एमएसएमई को बसाना होगा, जो मेगा यूनिट के कस्टमर/सप्लायर होंगे. इससे दोनों की जरूरतें पूरी हो सकती हैं. आयात होने वाली सामग्री को फोकस करते हुए एक प्रदर्शनी लगनी चाहिए.

Also Read: Budget 2023 Expectations: कृषि स्टार्टअप व पशुपालन को लेकर बजट से बीएयू के वैज्ञानिकों की क्या हैं उम्मीदें
Budget 2023 expectations: बजट से एमएसएमई एवं स्टार्टअप को लेकर क्या हैं उम्मीदें 2

स्टार्टअप को लेकर ये हैं उम्मीदें

जेसिया (झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) के अध्यक्ष अंजय पचेरिवाला कहते हैं कि नये स्टार्टअप/एमएसएमई को शुरू के 3 साल में सभी तरह के लाइसेंस सेल्फ डिक्लेरेशन (License Self declaration) के आधार पर मुक्त किया जाना चाहिए. ये बताते हैं कि Highly Pollution/Ilazardous Activity को छोड़ कर) वर्तमान में सभी प्रक्रियाओं को पूरी करने में करीब एक साल तक का समय लग जाता है.

Also Read: EXCLUSIVE: झारखंड में सखी मंडल की दीदियां कर रहीं काले गेहूं की खेती, गंभीर बीमारियों में है ये रामबाण ?

एमएसएमई से देश का 45 फीसदी रोजगार

देश का 45 फीसदी रोजगार एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय) से है. इसमें छोटे रोजगार से लेकर बड़े रोजगार तक शामिल हैं. सर्विस प्रोवाइडर, मैकेनिक, ट्रांसपोर्टर समेत अन्य सभी आते हैं. ये काफी अहम है.

Exit mobile version