पूर्व CM रघुवर दास द्वारा झारखंड में राष्ट्रपति शासन की मांग पर अर्जुन मुंडा ने कही यह बात

झारखंड के पूर्व CM रघुवर दास द्वारा झारखंड में राष्ट्रपति शासन की मांग पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनता का सुरक्षित होना और सुरक्षित महसूस करना जरूरी है. पिछली घटनाओं से लग रहा है कि प्रशासन और पुलिस सही ढंग से कार्य नहीं कर पा रही है.

By Nutan kumari | November 8, 2022 1:12 PM

झारखंड के पूर्व CM रघुवर दास द्वारा झारखंड में राष्ट्रपति शासन की मांग पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनता का सुरक्षित होना और सुरक्षित महसूस करना जरूरी है. पिछली घटनाओं से लग रहा है कि प्रशासन और पुलिस सही ढंग से कार्य नहीं कर पा रही है. जिसके कारण राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं.


सीएम हेमंत सोरेन के बयानों की जांच कर हो कार्रवाई : रघुवर

पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इडी को सहयोग करने की बजाय गुमराह कर रहे हैं. राज्य की भोली-भाली आदिवासी जनता को भड़काने का काम कर रहे है़ं केंद्रीय एजेंसी को खुलेआम चुनौती दे रहे है. हेमंत सोरेन आतंक का राज कायम करना चाह रहे है. संविधान कानून को नहीं मान रहे है़ं श्री दास ने इस बाबत राज्यपाल रमेश बैस को पत्र लिख कर मुख्यमंत्री के बयानों की जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है.

राज्य में संवैधानिक संकट पैदा ना हो और कानून का राज स्थापित हो अनुच्छेद 356 के प्रावधानों के तहत ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों व कानूनों के अनुसार नहीं चल रही है. एेसे में राज्य में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा की जा सकती है. भाजपा नेता श्री दास ने राज्यपाल को भेजे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इडी ने समन भेजा है़ कानून के मुताबिक एक भारतीय नागरिक के रूप में और संवैधानिक पद पर होते हुए एक जिम्मेदार लोक सेवक के रूप में उनकी यह जिम्मेवारी बनती है कि वह जांच एजेंसी का सहयोग करें.

संवैधानिक संकट पैदा कर रहे हैं सीएम हेमंत सोरेन

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम आवास के बाहर हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं का जुटान कर सीएम हेमंत सोरेन ने जान-बूझकर ऐसा संवैधानिक संकट पैदा किया है, ताकि उनके समर्थक हिंसा हो जाए और ईडी को दबाव में लेकर दिग्भ्रमित किया जा सके. साथ ही कहा कि श्री सोरेन केंद्रीय एजेंसी को चुनौती देने का काम करते हुए राज्य की भोली-भाली आदिवासी जनता को भड़काने का काम कर रहे हैं, ताकि उनको सहानुभूति का राजनीतिक लाभ मिल सके.

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