22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Explainer: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने क्यों कहा कि अमेरिका की तरह बनेंगी झारखंड की सड़कें?

अमेरिका की सड़कों को अगर हम देखें तो हम पायेंगे कि बेहतर सड़क की परिकल्पना उन्होंने कई दशक पहले ही कर ली थी. अमेरिका में अंतरराज्यीय फ्रीवे (राजमार्गों) का जाल बिछा हुआ है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आज रांची में थे. जहां उन्होंने आज 4,287 करोड़ की 21 परियोजनाओं का शिलान्यास किया. ये कार्यक्रम पुराने हाईकोर्ट से सटे मैदान में आयोजित किया गया था. इस दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए झारखंड की सड़कें अमेरिका जैसा बनाने का वादा किया. आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले भी इस तरह का वादा लोगों से करते रहे हैं. ऐसे में आम लोगों के मन में सवाल ये उठ रहा है कि अमेरिका की सड़कें कैसी होतीं हैं. वहां की सड़कें कैसे बनायी जाती है कि केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी बार बार अमेरिका का ही उदाहरण देते हैं. तो आज हम आपके मन में उठ रहे इन सारे सावलों के जवाब देने की कोशिश करेंगे.

अमेरिकी की सड़कों की क्या है खासियत

हम सभी जानते हैं कि किसी भी देश के विकास का अंदाजा सबसे पहले लोग उनकी सड़कों को देखकर ही लगाते हैं, चूंकि वैज्ञानिक तरीकों से बनी मजबूत सड़कें किसी भी शहर की प्रतिष्ठा व खूबसूरती में चार चांद लगा देती है. क्योंकि ये किसी भी योजना को धरातल में उतारने की पहली सिढ़ी या मानक होती है. अमेरिका की सड़कों को अगर हम देखें तो हम पायेंगे कि बेहतर सड़क की परिकल्पना उन्होंने कई दशक पहले ही कर ली थी. वहां पूर्व में अटलांटिक महासागर से सटे लॉन्ग आईलैंड (न्यूयॉर्क में स्थित) से लेकर पश्चिमी तट पर प्रशांत महासागर तक (जहां कैलिफोर्निया स्थित है), उत्तर में मैन नामक राज्य से लेकर फ्लोरिडा के सुदूर दक्षिण इलाकों तक अमेरिका में अंतरराज्यीय फ्रीवे (राजमार्गों) का जाल बिछा हुआ है. ये सड़कें सिर्फ कांक्रीट से बनीं सीधी सपाट निर्जीव संरचना नहीं हैं, ये अमेरिका की जीवनरेखा है. आपको बता दें कि अमेरिका में अंतरराज्यीय राजमार्गों (हाईवे) को फ्रीवे के नाम से भी जाना जाता है.

और साल 2012 तक अमेरिका ने अपने राजमार्गों का विस्तार 46,000 मील (लगभग 77,000 किमी) तक कर लिया था. जबकि भारत में रिंग रोड की सपना आज तक पूरी नहीं हो सका है. जबकि, अमेरिका में इस प्रकार की मार्गों का घना जाल फैला हुआ है. हालांकि, अमेरिका इन्हें रिंग रोड के नाम से नहीं जाना जाता है, इन्हें यहां लूप या बाईपास कहा जाता है. यहां का हर शहर दूसरे शहर से इन बाहरी मार्गों से जुड़ा हुआ है. इसी कारण अमेरिका में भारी मालवाहक वाहन अपने गंतव्य शहरों के अलावा बीच में आने वाले शहरों में प्रवेश नहीं करते हैं. बात सिर्फ यहां सड़कों की लंबाई की नहीं है बल्कि योजनाबद्ध तरीके से किया गया निर्माण और सख्त कानून भी इसके बेहतर होने का प्रमाण है. राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा अमेरिका में राज्यस्तरीय राजमार्गों व अन्य स्थानीय सड़कों का गहन जाल फैला हुआ है. इन सब सड़कों की गुणवत्ता उच्च स्तर की है, जहां सड़कों पर गढ्ढे दिखाई नहीं देती है. इसके अलावा कचरा निस्तारण की तकनीकें भी उसे खास बनाती है. हालांकि, भारत में आजादी के बाद से सड़कों विकास लगातार होता रहा है.

क्या कहा केंद्रीय मंत्री ने

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इन योजनाओं का शिलान्यास बस ट्रेलर है. पूरी फिल्म अभी बाकी है. साथ ही उन्होंने कहा कि योजनाओं के बारे में बताने को बहुत कुछ है लेकिन मैं ये सब बातें नहीं कहूंगा. मैं बस इतना ही कहूंगा कि ये सभी योजनाएं 2024 तक पूरी हो जाएगी. वह आगे कहते हैं कि अगर पूरे देश भर में कहीं डबल डेकर एलिवेटेड रोड है तो वह रांची में बन रही है और जल्द ही जमशेदपुर में भी बनेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें