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केंद्रीय बिजली राज्यमंत्री ने कहा- उपभोक्ता के खाते में ही जायेगी बिजली सब्सिडी

बिजली और एमएनआरइ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में संशोधन उपभोक्ताओं के हित में है. इससे न केवल बिजली की दर कम होगी, बल्कि वितरण की दक्षता भी सुधरेगी

रांची : बिजली और एमएनआरइ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में संशोधन उपभोक्ताओं के हित में है. इससे न केवल बिजली की दर कम होगी, बल्कि वितरण की दक्षता भी सुधरेगी. उन्होंने क्राॅस सब्सिडी के बजाय डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी देने की बात कही. श्री सिंह गुरुवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. केंद्रीय मंत्री ने झारखंड सरकार द्वारा सब्सिडी पर आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार की चिंता निर्मूल है.

गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने डीबीटी के माध्यम से उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी पर एतराज जताया था. कहा था कि उपभोक्ता देर से भुगतान करते हैं, ऐसे में बिजली कंपनियों को वितरण कंपनी कैसे भुगतान करेगी. श्री सिंह ने कहा कि यह चिंता निर्मूल है.

राज्य सरकार उपभोक्ताओं को जो सब्सिडी देती है, वह राशि सीधे वितरण निगम के एकाउंट में एडवांस में दे दे. इससे वितरण निगम को बिजली खरीदने की चिंता नहीं रहेगी. वितरण निगम उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी राशि डीबीटी के माध्यम से भेज देगी. उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री को एक पत्र के माध्यम से उनकी सारी आपत्तियों पर जवाब भेज दिया जायेगा. इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में संशोधन का काम अंतिम चरण में है. संसद के इसी सत्र में बिल पास कराने की उनकी कोशिश होगी.

टैरिफ निर्धारण की शक्तियां एसइआरसी के पास हैं : श्री सिंह ने कहा कि बिजली सुधार उपभोक्ता को केंद्रित बनाने की दिशा में कदम है, क्योंकि हम सभी उनकी सेवा करने के लिए यहां हैं. यह अफवाह फैलायी जा रही है कि राज्य सरकार के अधिकार कम हो जायेंगे.

राज्य विद्युत नियामक आयोग (एसइआरसी) के सदस्यों और अध्यक्षों की नियुक्ति में राज्यों की किसी शक्ति को नहीं निकाल रहे हैं और प्रस्तावित सुधारों का उद्देश्य अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा देना है. टैरिफ निर्धारण की शक्तियां एसइआरसी के पास बनी हुई हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्यों को सब्सिडी प्रदान करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, क्योंकि राज्य जितनी चाहें उतनी सब्सिडी दे सकते हैं.

इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में सुधार उपभाेक्ताओं के हित में

सब्सिडी को लेकर झारखंड सरकार की आपत्तियों को किया गया खारिज

उपभोक्ताओं को डीबीटी के माध्यम से राशि का भुगतान करे बिजली वितरण निगम

उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं लादा जा सकता

श्री सिंह ने कहा कि वितरण कंपनियों को अब सुधार करना ही होगा. अब भी कई राज्यों में 40 प्रतिशत तक लॉस है और इसका बोझ उपभोक्ताओं पर लाद दिया जाता है. केंद्र सरकार ने 15 प्रतिशत लॉस लाने की बात कही है. आयोग द्वारा इसी के आधार पर टैरिफ का निर्धारण करना होगा. वितरण कंपनी की अक्षमता का बोझ अब उपभोक्ताओं पर नहीं लादा जा सकता.

बिजली कंपनियों को मिली छूट जनता को दें: केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों को फिक्स्ड चार्ज माफ किया है. साथ ही बिजली दरों में भी 20 से 25 प्रतिशत कम करके बिलिंग की गयी है. ऐसी स्थिति में वितरण कंपनी को उपभोक्ताओं को इसका लाभ देना चाहिए

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