झारखंड में लोगों को पर्यावरण से जोड़ने का अनोखा स्टार्टअप शुरू, तीन साल में ही इतने लाख का टर्नओवर

प्रभात खबर में अब हर रविवार को पढ़ें वैसे युवाओं की सफलता की कहानी, जिन्होंने अपनी हॉबी और पैशन को स्टार्टअप में बदल कर रोजगार के नये द्वार खोल दिये. खुद लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं और कई युवाओं को भी रोजगार से जोड़ रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 4, 2022 10:45 AM

Jharkhand News: रांची के न्यू अलकापुरी, हरमू निवासी सौरभ कुमार ने 2019 में बेबी प्लांट ग्रीन सर्विसेस प्रा लि के नाम से स्टार्टअप शुरू किया. आइडिया था देशभर के यूनिक इंडोर प्लांट को घर-घर पहुंचाना. साथ ही लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना. इस सोच से अब राजधानी के घरों और संस्थानों में वर्टिकल गार्डेन तैयार होने शुरू हो गये हैं. शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के कई बेरोजगार युवाओं को अब पेड़-पौधे से रोजगार हासिल करने का मौका मिल रहा हैं.

सौरभ का स्टार्टअप कोरोना काल के नुकसान से उबर कर अब 30 लाख रुपये के टर्नओवर को पार कर चुका है. सौरभ ने बताया कि 2014 में 10वीं पास करने के बाद पिता के साथ अपने गांव राजघाट, नवादा पहुंचे. उन्होंने बेटे के अच्छे अंक से पास होने की खुशी में 1000 पौधे खरीदे और इसे गांव की खाली जगहों पर लगाया. इस क्रम में उनके पिता ने कहा था कि फलदार पौधे भविष्य में रोजगार के अवसर बन सकते हैं. इसके बाद सौरभ पौधों की जानकारी जुटाने लगे. सिल्ली पॉलिटेक्निक कॉलेज से सौरभ ने डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी छोड़ खुद का स्टार्टअप शुरू करने का मन बनाया. पौधों की जानकारी हासिल करने नर्सरी हब पूणे पहुंचे.

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लोगों को पर्यावरण से जोड़ना

लैंडस्केप डिजाइनिंग का काम करते हुए विभिन्न तरह की गार्डेनिंग और पौधों की जानकारी हासिल की. इसके बाद स्टार्टअप इंडिया से जुड़े और कंपनी को एमएसएमइ से रजिस्टर्ड कराया.

उपलब्ध करा रहे हैं हर तरह के इंडोर प्लांट

बेबी प्लांट ग्रीन सर्विसेज में देशभर के यूनिक इंडोर प्लांट उपलब्ध है. खास वेराइटी में चमाडोरिया पाम, क्रैसुला, सर्कुलेंट के हाइबोरथिया, इचबेरिया और सिडम, फाइकस बोनसाइ, एंथोरियम, क्रांचू, एडलोनिमा, फिलोडनड्रन, पनसेरिया के वाइट, रेड और वेरिकेटेड के अलावा 15 किस्म के कैकटस के पौधे अब रांची में उपलब्ध होने लगे हैं. ये पौधे पूणे, दार्जिलिंग, नैनीताल, उत्तराखंड, बंगाल समेत अन्य राज्यों से मंगवाये जा रहे हैं.

युवाओं को रोजगार से भी जोड़ रहे हैं

सौरभ अपने व्यवसाय को बढ़ाने के साथ ही विभिन्न जिले के युवाओं को रोजगार से जोड़ने का भी काम कर रहे हैं. बेबी प्लांट से बेड़ो, खूंटी, लापुंग, लोहरदगा, सिमडेगा समेत रांची के आस-पास के गांवों से युवा जुड़ रहे हैं. इन युवाओं को रामकृष्ण मिशन आश्रम के सहयोग से माली का छह माह का प्रशिक्षण नि:शुल्क दिलाने के बाद काम से जोड़ रहे हैं. प्रशिक्षण प्राप्त युवा गार्डेनिंग के अलावा वर्टिकल गार्डेन, ग्रीन पार्क, इंडोर ग्रार्डेन तैयार करने में सक्षम हैं. अब तक सौरभ 200 से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ चुके हैं.

रिपोर्ट : अभिषेक रॉय, रांची

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