रांची : भाजपा-आरएसएस की आदिवासी विरोधी नीतियों और आदिवासी समुदाय को आपस में लड़ाने के षड्यंत्र के खिलाफ आदिवासी एकता महारैली चार फरवरी को मोरहाबादी मैदान में होगी. यह जानकारी संयोजक लक्ष्मीनारायण मुंडा, शिवा कच्छप, दिनेश मुंडा व डब्लू मुंडा ने करमटोली स्थित केंद्रीय धुमकुड़िया में दी. उन्होंने कहा कि आदिवासियों पर चौतरफा हमले हो रहे हैं. आदिवासी समुदाय को धर्म, जाति व समुदाय के नाम पर आपस में लड़ाने की कोशिशें हो रही हैं.
आदिवासियों के खिलाफ ये हमले जमीनी स्तर पर काॅरपोरेट-औद्योगिक- पूंजीपति वर्ग, सवर्ण-सामंती ताकतों, जातीय गिरोह, आपराधिक गुटों, जमीन माफिया द्वारा लगातार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में आदिवासी समुदाय के लोगों की चट्टानी एकता की जरूरत है. इसी उद्देश्यों को लेकर आदिवासी एकता महारैली आयोजित की गयी है. इसकी तैयारी को लेकर 31 सदस्यीय संयोजक समिति बनायी गयी है. आयोजन समिति के सदस्य झारखंड के सभी जिलों और आदिवासी समुदायों के लोगों तक पहुंच कर आदिवासियों के खिलाफ किये जा रहे षड्यंत्र के बारे में बतायेंगे. इसके लिए 15 जनवरी को रांची में आदिवासी बुद्धिजीवियों का एक सम्मेलन होगा.
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लक्ष्मीनारायण मुंडा संयोजक सह प्रवक्ता, शिवा कच्छप संयोजक सह प्रवक्ता, दिनेश उरांव संयोजक और संयोजक: देवसहाय मुंडा, अशोक मुंडा, तुलसी पाहन, लाला महली, दीपक मुंडा, सुभाष उरांव, बेलस तिर्की, राजेश कुजूर, राजेश लिंडा, उषा खलखो, भोला मुंडा, दिनेश मुंडा, किशोर तिर्की, सुदीप उरांव, कृष्णा लोहरा, महादेव टोप्पाे, संजय कच्छप, शिव रतन मुंडा, संजय मुंडा, योगेंद्र उरांव, मुन्ना कुमार मुंडा, तिवारी भोक्ता, मंटू मुंडा, मनोज मुंडा, सुनील उरांव, सुबोध उरांव, अजय उरांव वदीपक लोहरा.