बड़े लक्ष्य के साथ खुला विवि बदहाली की राह पर
झारखंड रक्षा शक्ति विवि की स्थापना तीन अक्तूबर 2016 में (एटीआइ भवन के एक हिस्से में) की गयी. इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को विशेष शिक्षा देकर स्किल करना अौर उन्हें राज्य व राज्य के बाहर तत्काल नौकरी दिलाना था
रांची. झारखंड रक्षा शक्ति विवि की स्थापना तीन अक्तूबर 2016 में (एटीआइ भवन के एक हिस्से में) की गयी. इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को विशेष शिक्षा देकर स्किल करना अौर उन्हें राज्य व राज्य के बाहर तत्काल नौकरी दिलाना था. गुजरात, राजस्थान के बाद देश के तीसरे विवि के रूप में स्थापित इस विवि में वर्तमान में नौ कोर्स चल रहे हैं. इनमें 40-40 सीटें निर्धारित हैं. यहां फिलहाल 316 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं.
हालांकि पढ़ाने के लिए मात्र नौ फेकल्टी टीचर्स अनुबंध पर कार्यरत हैं. इस विवि की स्थापना के समय ही तत्कालीन उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह कोे कुलपति बनाया गया, जबकि रजिस्ट्रार के रूप में रांची विवि के डॉ एमके जमुआर की प्रतिनियुक्ति की गयी.
रजिस्ट्रार के रूप में एक बार रांची विवि के वर्तमान रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार चौधरी को भी प्रभार दिया गया था, लेकिन वे कुछ दिनों में छोड़ दिये. फिलहाल इस विवि में कुलपति श्री सिंह भी पद छोड़ चुके हैं. जबकि डॉ जमुआर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के रजिस्ट्रार डॉ एनडी गोस्वामी को रजिस्ट्रार का प्रभार दिया गया है.
जेपीएससी से विवि के ही फेकल्टी व वित्त पदाधिकारी कर्नल राजेश कुमार की अनुशंसा साक्षात्कार के बाद स्थायी रजिस्ट्रार के रूप में 20 मार्च 2020 को ही की गयी है, लेकिन अब तक उनकी नियुक्ति विवि में नहीं हो सकी है. इसी प्रकार विवि के कुल 41 पद सृजित हैं, लेकिन किसी की नियुक्ति नहीं हो सकी है. विवि के लिए स्थायी कैंपस के लिए खूंटी के इदरी में 75 एकड़ भूमि आवंटित की गयी है. साथ ही भवन निर्माण के लिए 206 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दी गयी है. हालांकि निर्माण कार्य अब तक अधूरा है. विवि की वेबसाइट भी वर्षों से बंद पड़ा है.
नौ विषयों की होती है पढ़ाई
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पीजी डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी
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पीजी डिप्लोमा इन रोड ट्रैफिक मैनेजमेंट
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बीएससी इन कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड साइबर सिक्यूरिटी
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बीएससी/एमएससी इन फॉरेंसिक साइंस
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सर्टिफिकेट कोर्स और डिप्लोमा इन पुलिस साइंस
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पीजी इन क्रिमिनोलॉजी, बीबीए इन सिक्यूरिटी मैनेजमेंट
Posted by : Pritish Sahay