विश्वविद्यालय सेवा आयोग का नहीं होगा गठन, उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया नामंजूर
झारखंड में विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन नहीं होगा. उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नामंजूर कर दिया है. मुख्यमंत्री का मानना है कि जब झारखंड लोक सेवा आयोग कार्य कर ही रहा है, तो अलग से विवि सेवा आयोग के गठन का कोई औचित्य नहीं है
संजीव सिंह, रांची : झारखंड में विश्वविद्यालय सेवा आयोग का गठन नहीं होगा. उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नामंजूर कर दिया है. मुख्यमंत्री का मानना है कि जब झारखंड लोक सेवा आयोग कार्य कर ही रहा है, तो अलग से विवि सेवा आयोग के गठन का कोई औचित्य नहीं है. दरअसल, झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति, प्रोन्नति आदि कार्य में विलंब को देखते हुए अलग राज्य गठन के बाद से ही विश्वविद्यालय शिक्षक संघ अलग आयोग के गठन की मांग कर रहा था.
Also Read: विधानसभा में लैंड म्यूटेशन बिल पारित होने से रोके राज्य सरकार
चार वर्ष पूर्व भी तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उच्च शिक्षा विभाग को विवि सेवा आयोग के गठन का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया था. कहा गया था कि अब विवि शिक्षकों की नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग की जगह विवि सेवा आयोग करेगा. विभाग को इससे संबंधित रेगुलेशन तैयार कर कैबिनेट से स्वीकृति लेने व इसके बाद आयोग के गठन संबंधी अध्यादेश बनाना था. मुख्यमंत्री श्री सोरेन द्वारा इस पर असहमति जताने के बाद अब झारखंड लोक सेवा आयोग को ही शीघ्र ही विवि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करनी होगी.
लंबे समय से हो रही आयोग के गठन की मांग : विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के नेता डॉ एलके कुंदन ने बताया कि राज्य में विवि सेवा अायोग के गठन के लिए शिक्षकों द्वारा आरंभ से ही मांग की जा रही है. बिहार में आयोग का गठन हो गया है. झारखंड में स्थिति यह है कि समय पर नियुक्ति व प्रोन्नति नहीं होने से अब लगभग 12 प्रोफेसर ही बचे हैं. इनमें भी कुछ वीसी व प्रोवीसी बने हैं. इसी प्रकार 1981-82 बैच के शिक्षक अगले साल तक रिटायर भी हो जायेंगे. 1993 बैच के लगभग 20 ही शिक्षक हैं, जबकि 1996 बैच के लगभग 1500 शिक्षकों में कई शिक्षक प्रोन्नति की आस में हैं.
-
चार वर्ष पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विभाग को दिया था आयोग बनाने का निर्देश
-
मौजूदा मुख्यमंत्री का मानना है कि जब जेपीएससी है, तो किसी और आयोग की क्या जरूरत है
झारखंड में शिक्षकों के 2030 पद रिक्त : झारखंड के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के कुल 3732 पद स्वीकृत हैं. इनमें लगभग 2030 पद रिक्त हैं. वहीं, सभी विश्वविद्यालयों में कुल 4181 अतिरिक्त पद हैं. वर्ष 2008 के बाद से राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पायी है. जेपीएससी के पास 1118 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की अनुशंसा है. इनमें 566 बैकलॉग हैं, जिनकी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
जबकि, रेगुलर पर नियुक्ति के लिए आयोग में उम्मीदवारों द्वारा भेजे गये अॉफलाइन आवेदन का डाटा कंप्यूटर में अपलोड किया जा रहा है. इसके लिए रांची विवि के विभिन्न कॉलेजों से कर्मियों की प्रतिनियुक्ति भी की गयी है.
Post by : Pritish Sahay