रांची : राज्य के विवि शिक्षकों को प्रोन्नति देने का मामला अब तक फंसा ही हुआ है. राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने कई बार विवि शिक्षकों को प्रोन्नति देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग व झारखंड लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया, लेकिन अब तक मामला जस की तस है. एक तरफ जहां झारखंड लोक सेवा आयोग ने शिक्षकों को वैसे प्रोन्नति देने का निर्णय जुलाई 2020 में ही दे देने की बात कही थी, जिसमें फिलहाल कोई अड़चन नहीं है. लेकिन चार माह बाद भी प्रोन्नति नहीं दी जा सकी.
दूसरी तरफ राज्य के लगभग डेढ़ हजार विवि शिक्षकों की प्रोन्नति सिर्फ नियमावली नहीं बनने के कारण नहीं दी जा सकी है. जानकारी के अनुसार 22 जून 2020 को उच्च शिक्षा निदेशक के पत्र के आलोक में यूजीसी द्वारा जारी 2010 के नियमावली के आधार पर प्रोन्नति परिनियम को विवि ने सिंडिकेट से पास करके जुलाई में भेज दिया. इसके बाद अगस्त में उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में सभी विवि के कुलसचिवों की बैठक हुई.
इसमें उक्त नियमावली पर ही प्रोन्नति देने पर सहमति बनी. इसमें कहा गया कि 31 दिसंबर 2008 के बाद की तिथि से सारी प्रोन्नतियां यूजीसी के 2010 रनियमावली के मुताबिक होंगी. इसके बाद नियमावली को शीघ्र अमलीजामा पहनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी. इसमें डॉ शंभू दयाल सिंह, गौरीशंकर तिवारी, विभा पांडेय और जॉन रतन बरला को रखा गया. लेकिन कमेटी इसे अब तक अंतिम रूप नहीं दे सकी है. ताकि इसे अन्य प्रक्रिया के तहत जेपीएससी को दिया जा सका. फलस्वरूप 12 साल से प्रोन्नति का मामला अटका पड़ा है.
posted by : sameer oraon