रांची (विशेष संवाददाता). रांची विश्वविद्यालय अंतर्गत विभिन्न कॉलेजों व स्नातकोत्तर विभागों के 69 शिक्षकों के पीएचडी इंक्रीमेंट प्रस्ताव में दी गयी त्रुटियों व आपत्तियों को बिना किसी टकराव और क्षोभ के बिंदुवार निराकरण करते हुए संबंधित कागजात के साथ उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजा जायेगा. ताकि शिक्षकों को पीएचडी इंक्रीमेंट का लाभ मिल सके. उक्त निर्णय गुरुवार को वीसी डॉ अजीत कुमार सिन्हा की पहल पर विवि अधिकारियों व रांची विवि शिक्षक संघ (रूटा) के पदाधिकारियों के साथ बैठक में लिया गया. विवि मुख्यालय में डीएसडब्ल्यू डॉ एसके साहु की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में निदेशालय द्वारा उठायी गयी आपत्ति की समीक्षा की गयी. कहा गया कि निदेशालय द्वारा प्रस्ताव में जो कमियां बता कर इसे अस्वीकृत किया गया है, वह निराधार हैं. कई मामलों में कुलपति के हस्ताक्षर, डीन एकेडमिक के हस्ताक्षर, पत्रांक संख्या और तिथि के न होने जैसी त्रुटियां बतायी जा रहीं हैं. वहीं दूसरी ओर झारखंड के अन्य सभी विवि जैसे डीएसपीएमयू, नीलांबर पीतांबर विवि, विनोबा भावे विवि में शिक्षकों को पीएचडी इंक्रीमेंट मिल रहा है, लेकिन रांची विवि के शिक्षकों का प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया गया है. बैठक में उपकुलसचिव (वन) डॉ प्रीतम कुमार, रूटा के अध्यक्ष डॉ उमेश प्रसाद, उपाध्यक्ष डॉ आनंद कुमार ठाकुर, संयोजक डॉ कंजीव लोचन, महासचिव डॉ सीमा प्रसाद, सचिव डॉ विनिता रानी एक्का, कोषाध्यक्ष डॉ अवध बिहारी महतो, डॉ स्मृति सिंह आदि शामिल हुए.
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