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झारखंड में 37 गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल लड़ेंगे चुनाव, आयोग ने जारी की सूची

झारखंड में इस बार लोकसभा चुनाव में 37 गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल भी चुनाव लड़ेंगे. चुनाव आयोग ने इसकी सूची जारी कर दी है.

रांची: झारखंड से 37 निबंधित गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल इस बार लोकसभा चुनाव में हिस्सेदारी करेंगे. चुनाव आयोग ने इसकी सूची जारी की है. निबंधित गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में आम आवाम विकास मोरचा, आपका हमारा पार्टी, अबुआ झारखंड पार्टी, अखिल भारतीय झारखंड पार्टी, बहुजन सदान मोरचा, भारत विकास मोरचा, भारतीय आजाद सेना, भारतीय जनजागरण गांधीवादी पार्टी, भारतीय जनमुक्ति पार्टी, भारतीय जनतंत्र मोरचा, भारतीय मानवता निर्माण पार्टी,

हिंदुस्तान पीपुल्स पार्टी, हिंदुस्तान पीपुल्स पार्टी डेमोक्रेटिक, हम किसान पार्टी, जन साधारण पार्टी, झारखंड आजाद पार्टी, झारखंड दिशोम पार्टी, झारखंड जन क्रांति मोरचा, झारखंड जनाधिकार पार्टी, झारखंड की क्रांतिकारी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोरचा उलगुलान, झारखंड पार्टी, झारखंड पार्टी सेक्युलर, झारखंड पीपुल्स पार्टी, झारखंड विकास दल, जोहार पार्टी, लोक जन विकास मोरचा, मानव मुक्ति मोरचा, नवजवान संघर्ष मोरचा,

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नवयुग प्रगतिशील मोरचा, राष्ट्रीय देशज पार्टी, राष्ट्रीय जयहिंद पार्टी, राष्ट्रीय जनक्रांति मोरचा, राष्ट्रीय जनसंघर्ष स्वराज पार्टी, राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी, राष्ट्रीय सेंगल पार्टी व सदान विकास पार्टी शामिल हैं. इसके अलावा चुनाव आयोग ने बहुजन शक्ति, झारखंड जन मोरचा, झारखंड जनाधिकार मंच व झारखंड वनांचल कांग्रेस को डिलिस्टेड किया है. एक अन्य पार्टी मोओसिस्ट को-ऑर्डिनेशन को निष्क्रिय भी घोषित किया गया है.

इलेक्शन एडुकेशन : प्रतिबंधित है सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन

चुनाव की घोषणा के बाद पुतला जलाकर या सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन प्रतिबंधित है. किसी भी तरह के सार्वजनिक प्रदर्शन या पुतला जलाने में राजनीतिक दलों और उनके नेताओं या कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व नहीं होना चाहिए. राजनीतिक दल या उम्मीदवारों द्वारा आयोजित जुलूस या सभा में अवांछनीय तत्वों द्वारा व्यवधान उत्पन्न करने की संभावना पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस या प्रशासन के अलावा किसी अन्य का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. राजनीतिक दलों या प्रत्याशियों से अपेक्षा की जाती है कि वह उत्तेजना को नियंत्रण में रखने का प्रयास करें. किसी भी तरह की गड़बड़ी होने की संभावना के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन का सहयोग लें. ऐसा नहीं करने पर आचारसंहिता का उल्लंघन माना जायेगा.

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