Jharkhand Politics: हेमंत सोरेन की सदस्यता पर सस्पेंस, राज्यपाल ने यूपीए के प्रतिनिधिमंडल से कही ये बात

इसके समर्थन में अखबारों में प्रकाशित खबरों की प्रति भी शामिल की गयी है. राज्यपाल को सौंपी गयी चिट्ठी में कहा गया है कि आपके कार्यालय से एक खास तथ्य के लीक होने की वजह से झारखंड में अस्थिरता का माहौल है. राजनीतिक जगत से लेकर प्रशासनिक जगत तक में अनिश्चय की स्थिति है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2022 5:26 PM
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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की सदस्यता पर बनी ऊहापोह की स्थिति के बीच संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को राज्यपाल रमेश बैस (Jharkhand Governor Ramesh Baish) से मिला. प्रतिनिधमंडल ने गवर्नर से हेमंत सोरेन की सदस्यता के बारे में अद्यतन स्थिति सार्वजनिक करने की अपील की. इस पर राजभवन से कहा गया कि एक-दो दिन के अंदर स्थिति स्पष्ट कर दी जायेगी. झामुमो (Jharkhand Mukti Morcha) नेता विनोद पांडेय और सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह जानकारी दी.

राज्यपाल को 5 पन्ना का ज्ञापन सौंपा

कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा ने राजभवन से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राजभवन की ओर से बताया गया है कि महामहिम राज्यपाल अभी कानूनी सलाह ले रहे हैं. राज्यपाल को पांच पन्ने का एक मेमोरेंडम सौंपा गया, जिसमें कहा गया है कि 25 अगस्त से ही मीडिया में चर्चा है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी है. लेकिन, राजभवन से अब तक कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है.

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चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश

इसके समर्थन में अखबारों में प्रकाशित खबरों की प्रति भी शामिल की गयी है. राज्यपाल को सौंपी गयी चिट्ठी में कहा गया है कि आपके कार्यालय से एक खास तथ्य के लीक होने की वजह से झारखंड में अस्थिरता का माहौल है. राजनीतिक जगत से लेकर प्रशासनिक जगत तक में अनिश्चय की स्थिति है. आपके कार्यालय की ओर से सही जानकारी सार्वजनिक नहीं किये जाने की वजह से राज्य की एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश हो रही है.

भाजपा मांग रही है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस्तीफा

सौंपे गये ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि राजभवन की ओर से केंद्रीय निर्वाचन आयोग को जो रिपोर्ट दी गयी है, उसके बारे में अब तक कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं हुई है. लेकिन, राज्य का सबसे बड़ा विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस रिपोर्ट के बारे में सार्वजनिक घोषणा कर दी है. इसी आधार पर वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस्तीफा मांग रही है. इतना ही नहीं, राज्य में मध्यावधि चुनाव की संभावना भी जताने लगी है.

हेमंत सोरेन की सदस्यता पर राजभवन स्थिति स्पष्ट करे

पत्र में कहा गया है कि आपको मालूम है कि मुख्यमंत्री की सदस्यता रद्द होने का सरकार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन के पास पूर्ण बहुमत है. इसलिए बहुत भारी मन से हम आग्रह करते हैं कि निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर राजभवन ने जो निर्णय लिया है, उसके बारे में स्थिति जल्द से जल्द स्पष्ट करें.

प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेता

राज्यपाल से मिलने गये प्रतिनिधिमंडल में गीता कोड़ा के अलावा, विजय हांसदा, जोबा मांझी, सुप्रियो भट्टाचार्य, विनोद पांडे, बंधु तिर्की और धीरज साहू शामिल थे. इससे पहले खबर आयी थी कि यूपीए के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है, जिसे ठुकरा दिया गया.

रिपोर्ट- सुनील चौधरी

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