1932 का खतियान और ओबीसी आरक्षण पर जल्द लायेंगे प्रस्ताव, विधानसभा में बोले हेमंत सोरेन
Jharkhand News: हेमंत सोरेन ने बाबूलाल मरांडी को गिरगिट की संज्ञा दे डाली. कहा कि गिरगिट भी इतना रंग नहीं बदलता, जितना बाबूलाल मरांडी रंग बदलते हैं. मुख्यमंत्री ने आजसू नेता सुदेश महतो को भी आड़े हाथ लिया.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण पर बहुत जल्द प्रस्ताव लाने जा रही है. अपनी सदस्यता पर जारी संशय के बीच मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाये. साथ ही समरीलाल की सदस्यता के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सवाल भी पूछे. उन्होंने कहा कि भाजपा का फर्जी विधायक यहां बैठा है. बिकाऊ विधायक यहां बैठे हुए हैं.
गिरगिट से ज्यादा रंग बदलते हैं बाबूलाल मरांडी: हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) को गिरगिट की संज्ञा दे डाली. कहा कि गिरगिट भी इतना रंग नहीं बदलता, जितना बाबूलाल मरांडी रंग बदलते हैं. मुख्यमंत्री ने आजसू नेता सुदेश महतो (Sudesh Mahto) को भी आड़े हाथ लिया. कहा कि आदिवासी-मूलवासी के सबसे बड़े नेता सुदेश महतो का हमेशा प्रयास रहा है कि उनके दोनों हाथों में लड्डू रहे. ऐसे ही लोगों की वजह से इस राज्य की जनता को हर बार छला गया है.
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1932 का खतियान जरूरी
झारखंड के सीएम ने कहा कि 1932 का खतियान जरूरी है. आदिवासियों की जमीन की रक्षा के लिए सीएनटी-एसपीटी ऐक्ट जरूरी है. ओबीसी आरक्षण जरूरी है. उन्होंने बाबूलाल मरांडी से पूछा कि वे इस बात का जवाब दें कि ओबीसी आरक्षण को किसने घटाया. उन्होंने कहा कि जल्द ही उनकी सरकार 1932 का खतियान और ओबीसी आरक्षण बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव लायेगी.
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अंकिता के यहां दुख व्यक्त करने पहुंचे तीन ब्राह्मण
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि दुमका में अंकिता सिंह के यहां दुख व्यक्त करने के लिए तीन ब्राह्मण निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और कपिल मिश्रा पहुंचे. स्थानीय नेता सुनील सोरेन को छोड़ दिया. जब हमने इस बात पर सवाल उठाया, तो बाबूलाल मरांडी ने दूसरी घटना में सुनील सोरेन को अपने पास बैठा लिया. सीएम ने कहा कि इनका चेहरा इतना भयावह, इतना डरावना और इतना क्रूर है कि उसे पहचानना आसान नहीं है. लेकिन, सत्ता पक्ष इनकी क्रूरता और उनकी सोच को भली-भांति जनता है. अगली बार आपलोग अपना जमानत भी नहीं बचा पायेंगे.