रांची/नामकुम. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से आयोजित सीजीएल-2023 परीक्षा में पेपर लीक व प्रश्न रिपीट करने सहित अन्य गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया. गुरुवार को अभ्यर्थियों ने जेएसएससी कार्यालय के समक्ष हंगामा किया. इस दौरान अभ्यर्थियों ने आयोग के सचिव को गड़बड़ी से संबंधित सबूत देकर परीक्षा रद्द करने की मांग की. सुबह 11 बजे से ही विभिन्न जिलों के अभ्यर्थी आयोग कार्यालय पहुंचने लगे थे. अभ्यर्थी सीजीएल परीक्षा को रद्द करने व सीबीआइ से जांच कराने की मांग कर रहे थे.
अध्यक्ष व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की
अभ्यर्थियों ने आयोग के अध्यक्ष व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा किया. वे अध्यक्ष से मिलकर पेपर लीक का सबूत देने एवं सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे. वहीं, हंगामे की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा आयोग कार्यालय की चहारदीवारी से 100 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा जारी की गयी. भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये थे. मौके पर डीएसपी मुख्यालय प्रथम अमर कुमार पांडेय, खलारी डीएसपी, अंचलाधिकारी नामकुम प्रभात भूषण सिंह, थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ब्रह्मदेव प्रसाद सहित खरसीदाग ओपी व दशम फॉल थाना की पुलिस मौजूद थी. निषेधाज्ञा व भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद अभ्यर्थी बार बार आयोग के मुख्य गेट पर पहुंच जा रहे थे.
कोर्ट का सहारा लेने की बात कही
अभ्यर्थियों ने कहा कि पेपर लीक का उनके पास साक्ष्य है. 36 घंटे के अंदर आयोग ठोस फैसला नहीं लेता है, तो हम न्यायालय का सहारा लेंगे. अभ्यर्थी सभी जिला व प्रखंड मुख्यालयों पर आंदोलन को बाध्य होंगे. पुलिस ने अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल को सचिव से वार्ता कराने की पहल की. इस पर सभी मीडियाकर्मियों के साथ वार्ता के लिए अड़ गये. काफी समझाने के बाद अभ्यर्थी माने. इस दौरान कई बार अभ्यर्थियों व पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की हुई.
सचिव ने 30 को बैठक कर निष्कर्ष निकालने का दिया आश्वासन
सचिव से मिल कर आये अभ्यर्थियों ने बताया कि आयोग को पेन ड्राइव, सीडी एवं रिपीट किया हुआ प्रश्न पत्र सबूत के तौर पर देकर परीक्षा रद्द करने की मांग की गयी है. सचिव ने अभ्यर्थियों द्वारा दिये गये सबूतों की जांच करने और सोमवार (30 सितंबर) को आयोग की बैठक कर निष्कर्ष निकालने का आश्वासन दिया है. अभ्यर्थियों ने कहा कि सोमवार को छात्रों के हित में फैसला नहीं आने पर दोबारा आयोग के समक्ष आंदोलन करेंगे. इस मौके पर कुणाल प्रताप सिंह, विशाल, मनोज यादव, सत्यनारायण शुक्ला, काजल मंडल, अरुण अग्रवाल, रोहित कुमार, प्रकाश पोद्दार सहित काफी संख्या में अभ्यर्थी उपस्थित थे.
अभ्यर्थियों के आरोप
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि 22 सितंबर को प्रथम पाली की परीक्षा शुरू होने के पहले ही प्रश्नों का उत्तर कई अभ्यर्थियों के पास उपलब्ध था. यह परीक्षा समाप्ति के बाद साबित भी हो गया. परीक्षा में पूछे गये प्रश्नों का जवाब पहले ही लीक कर दिया गया था. इतना ही नहीं, जीएस का पेपर, जो पहले लिया गया था, उसमें गणित, रीजनिंग व कंप्यूटर के सभी प्रश्न को रिपिट किया गया था. गणित का प्रश्न एसएससी सीजीएल-2022 में पूछे गये सभी प्रश्न की पुनरावृत्ति थी. बिना कोई बदलाव किये सभी 20 प्रश्न उसी परीक्षा के पूछे गये थे. उसी प्रकार रीजनिंग का प्रश्न एसएससी सीजीएल-2019 में पूछा गया प्रश्न, कंप्यूटर का प्रश्न जेबीपीएस आरआरसी-2023 से तथा पेपर-एक यूपीएससी सीसैट-2019 से हिंदी व अंग्रेजी का 120 प्रश्न रिपिट किया गया, जिसके चलते अभ्यर्थियों को काफी परेशानी हुई. अभ्यर्थियों ने कहा कि आयोग की ओर से कहा गया था कि दो वर्षों के दौरान परीक्षा में पूछे गये प्रश्न रिपिट नहीं होंगे, लेकिन रिपिट किया गया है.
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