मानसून सत्र के आखिरी दिन झारखंड विधानसभा में हंगामा, रणधीर सिंह को स्पीकर ने मार्शल से बाहर निकलवाया
झारखंड हाइकोर्ट के द्वारा झारखंड सरकार की नियोजन नीति रद्द किये जाने के मुद्दे पर विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन जमकर हंगामा हुआ. हाइकोर्ट के इस फैसले से उत्पन्न बेरोजगारी की स्थिति पर कार्यस्थगन के माध्यम से चर्चा की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने विधानसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा किया.
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के द्वारा झारखंड सरकार की नियोजन नीति रद्द किये जाने के मुद्दे पर विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन जमकर हंगामा हुआ. हाइकोर्ट के इस फैसले से उत्पन्न बेरोजगारी की स्थिति पर कार्यस्थगन के माध्यम से चर्चा की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने विधानसभा में मंगलवार को जमकर हंगामा किया.
भाजपा विधायकों के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही पहले एक घंटे के लिए और फिर मुख्यमंत्री के ‘जैसी करनी वैसी भरनी’ टिप्पणी करने के बाद दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की जिला नियोजन नीति 2016 को निरस्त कर दिया.
इसमें स्थानीय लोगों के लिए तृतीय एवं चतुर्थ संवर्ग के रोजगार में 100 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था. झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को जैसे ही प्रश्नकाल प्रारंभ हुआ, मुख्य विपक्षी भाजपा ने उच्च न्यायालय के सोमवार के आदेश के आलोक में बेरोजगार हुए लोगों के मुद्दे, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था की स्थिति पर लाये गये अपने कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की.
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने इसकी अनुमति नहीं दी. इसके बाद भाजपा सदस्यों ने विधानसभा में हंगामा किया तथा अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. हंगामे के बीच भाजपा विधायक तथा पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कार्यस्थगन पर चर्चा कराये जाने पर जोर दिया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा, ‘सदन ऐसे नहीं चलेगा’.
पिछली सरकार की गलतियों का खामियाजा उनकी सरकार भुगत रही है. पिछली सरकार ने वैसा कार्य किया, जिस बात की अनुमति संविधान नहीं देता और 13 अनुसूचित जिलों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सभी सरकारी पदों को स्थानीय लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षित कर दिये, जिसके चलते हाइकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.
हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
इसके जवाब में भाजपा विधायक रणधीर सिंह ने कहा, ‘ऐसे ही चलेगा’. भाजपा विधायक के अपने इस बयान के दोहराने पर भड़के विधानसभाध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा, ‘सदन में गुंडागर्दी नहीं चलेगी.’ विधानसभाध्यक्ष ने आसन के सामने पहुंचे रणधीर सिंह को मार्शलों को आदेश देकर तत्काल सदन से बाहर करवा दिया.
विधानसभाध्यक्ष की इस कार्रवाई पर सदन से बाहर रणधीर सिंह ने कहा, ‘क्या सरकार का विरोध करना गुंडागर्दी है?’ भाजपा विधायक भानुप्रताप शाही ने भी कार्यस्थगन पर चर्चा की मांग की और उनका साथ सभी भाजपा विधायकों ने दिया.
Also Read: झारखंड : इस गांव के 90 फीसदी युवा हैं साइबर क्रिमिनल, क्या है 50-50 का मामला
साथ ही उन्होंने राज्य की नियोजन नीति पर अदालत के 21 सितंबर, 2020 के आदेश से उपजी स्थिति पर मुख्यमंत्री के बयान की मांग की, लेकिन मुख्यमंत्री सदन में नहीं थे. इसके चलते विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री से जवाब दिलाने की बात कही, जिसके लिए भाजपा राजी नहीं हुई. हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही स्पीकर ने एक घंटे के लिए स्थगित कर दी और प्रश्नकाल नहीं चल सका.
पिछली सरकार के विकास कार्यों एवं उसकी नियुक्तियों तथा नीतियों को जान-बूझकर वर्तमान सरकार ध्वस्त करवा रही है, रद्द करवा रही है, जिससे आने वाले समय में वह अपने लोगों को वहां काम दिला सके, फिट कर सके.
चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह, भाजपा विधायक
सदन में बोले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
सदन की कार्यवाही दोबारा साढ़े 12 बजे प्रारंभ होने पर मुख्यमंत्री सदन में आ चुके थे. उन्होंने इस मुद्दे पर अपने बयान में दो टूक कहा, ‘जैसी करनी वैसी भरनी.’ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ‘पिछली सरकार की गलतियों का खामियाजा उनकी सरकार भुगत रही है. पिछली सरकार ने वैसा कार्य किया, जिस बात की अनुमति संविधान नहीं देता और 13 अनुसूचित जिलों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सभी सरकारी पदों को स्थानीय लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षित कर दिये, जिसके चलते हाइकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.’
उन्होंने जैसे ही कहा, ‘गलत किया तो भुगतना पड़ेगा’, भाजपा ने आरोप लगाया कि स्थानीय लोगों के हित में बनायी गयी इस नीति के पक्ष में वर्तमान राज्य सरकार ने हाइकोर्ट में उचित ढंग से सरकार का पक्ष नहीं रखा. वास्तव में राज्य सरकार की जिला नियोजन नीति को रद्द करने के सोमवार के झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के चलते राज्य में नौ हजार से अधिक हाई स्कूल शिक्षकों की नौकरी चली गयी है.
वर्ष 2016 की नियोजन नीति को रद्द करने से इसके आधार पर अभी नयी नियुक्तियों पर भी रोक लग गयी है. इसकी वजह से बेरोजगारी और भी बढ़ने की आशंका है. भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह ने आरोप लगाया, ‘पिछली सरकार के विकास कार्यों एवं उसकी नियुक्तियों तथा नीतियों को जान-बूझकर वर्तमान सरकार ध्वस्त करवा रही है, रद्द करवा रही है, जिससे आने वाले समय में वह अपने लोगों को वहां काम दिला सके, फिट कर सके.’
Posted By : Mithilesh Jha