रांची के सर्वप्रिय ने कहा- UPSC की तैयारी में मानसिक क्षमता के साथ साथ संतुलन बेहद जरूरी
रांची के सर्वप्रिय सिन्हा ने 127 वां रैंक हासिल किया. उन्होंने कहा कि सफलता पाने के लिए मानसिक क्षमता के साथ संतुलन का भी होना जरूरी है. उन्हें ये सफलता तीसरे प्रयास में मिली है
हरमू (आनंदपुरी) के सर्वप्रिय सिन्हा ने 127 वां रैंक हासिल किया है. वह कहते हैं : यूपीएससी की तैयारी में मानसिक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ मानसिक संतुलन भी बेहद जरूरी है़ सर्वप्रिय ने कहा कि तीसरे प्रयास में सफलता मिली. दो कोशिश नौकरी करते हुए की, लेकिन पीटी में भी सफलता नहीं मिली.
फिर जॉब छोड़ कर तैयारी में जुट गये. पिता बिनोद कुमार सिन्हा लेबर इनफोर्समेंट ऑफिसर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. मां रूपा दयाल आइसीडीएस में कार्यरत हैं. इनकी 10वीं की पढ़ाई संत जेवियर स्कूल डाेरंडा व12वीं जेवीएम श्यामली से पूरी की. बीआइटी मेसरा से बीटेक की डिग्री हासिल की. आइआइएम कोझिकोड से मार्केटिंग मैनेजमेंट का काेर्स किया.
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इंटरव्यू में इस तरह के पूछे गये सवाल
सवाल : डाटा एनालिसिस और मार्केटिंग कैसे जुड़ा हुआ है? डाटा एनालिसिस कैसे मार्केटिंग में काम आयेगा?
जवाब : डाटा एनालिसिस से उपभोक्ता को समझना आसान होता है. किस चीज में रुचि है, इसकी जानकारी मिलती है. इसे मार्केटिंग के क्षेत्र में इस्तेमाल किया जाये, तो निश्चित लाभ मिलेगा.
तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक
हरमू हाउसिंग कॉलोनी निवासी किसलय को यूपीएससी में 468वां रैंक मिला है. किसलय ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया. 10वीं की पढ़ाई डीएवी कपिलदेव और 12वीं डीपीएस से की है. इसके बाद बीआइटी मेसरा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली. इंजीनियरिंग के बाद तीन साल मारुति कंपनी में जॉब की़ किसलय के पिता शशि शेखर सिंह झारखंड वित्त सेवा से रिटायर हुए हैं. माता मंजू लता गृहिणी हैं.
Posted By: Sameer Oraon