राज्य में यूरिया की कमी, 266 रुपये की बोरी 500 में बिक रही

राज्य के अधिकतर जिलों में धान का रोपा हुए 20 से 30 दिन हो गये हैं. समय-समय पर बारिश हो जाने के कारण फसल अच्छी है. अब धान की फसलों को यूरिया की जरूरत है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 3, 2020 4:09 AM

मनोज सिंह, रांची : राज्य के अधिकतर जिलों में धान का रोपा हुए 20 से 30 दिन हो गये हैं. समय-समय पर बारिश हो जाने के कारण फसल अच्छी है. अब धान की फसलों को यूरिया की जरूरत है. अगले 10-15 दिनों तक लगभग सभी फसलों को यूरिया की जरूरत होगी. लेकिन, राज्य के कई जिलों में यूरिया की उपलब्धता जरूरत से काफी कम है. यही कारण है कि यूरिया या तो ऊंची कीमत में बिक रही है, या नहीं मिल रही है. कई जिलों में तो किसानों ने हंगामा भी किया है. रामगढ़ में खाद विक्रेताओं ने बैठक कर यूरिया बेचने से इनकार कर दिया है.

वहीं, कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी धान की फसल को यूरिया की जरूरत है. नहीं मिलने पर उत्पादन के साथ-साथ फसल पर भी असर पड़ेगा. राज्य को अगस्त माह तक करीब 1.55 लाख टन यूरिया की जरूरत थी.

गढ़वा में 500 रुपये तक बिकी यूरिया : गढ़वा में करीब 55 हजार हेक्टेयर में धान का आच्छादन किया गया है. इसके मद्देनजर यहां 9300 टन यूरिया की जरूरत है, लेकिन जिले में मात्र 5400 टन ही यूरिया उपलब्ध है. यूरिया (45 किलो की बोरी) की सरकारी दर 266.50 रुपये है. जबकि, दुकानों पर यह 450 से 500 तक बिक रही है. खुदरा में यह 10 से 15 रुपये प्रति किलो बेची जा रही है.

पलामू में 450 रुपये तक बिक रही है यूरिया : इस बार अच्छी बारिश होने की वजह से पलामू में धान की अच्छी खेती हुई है. ऐसे में यहां 12460 टन यूरिया की जरूरत है. जबकि, 31 अगस्त तक यहां 9640 यूरिया उपलब्ध करायी गयी है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 31 अगस्त को आयी 800 टन यूरिया में से 700 टन विभन्नि प्रखंडों में भेजी जा रही है. फिलहाल यहां प्रति बोरी यूरिया 400 से 450 रुपये तक में बिक रही है. गुमला जिले को 9800 टन यूरिया की जरूरत है. जरूरत के हिसाब से उपलब्ध नहीं होने के कारण 500 रुपये बैग तक बेची जा रही है. कोडरमा जिले में भी कई प्रखंडों में 400 से लेकर 600 रुपये प्रति बैग तक यूरिया बेची गयी है.

सितंबर तक जिलों की जरूरत

जिला जरूरत (टन)

बोकारो 4390-2032

चतरा 4640-5436

देवघर 13400-11514

धनबाद 4810-522

दुमका 11560-11567

पू सिंहभूम 3900-2814

गढ़वा 9300-5586

गिरिडीह 5800-6402

गोड्डा 6900-9361

गुमला 8600-6459

हजीराबाग 7250-12908

जामताड़ा 5800-3161

खूंटी 4350-3990

कोडरमा 5100-4204

लातेहार 6710-7114

लोहरदगा 8110-8017

किसान संकट में पर्याप्त यूरिया न मिलने से फसल खराब व उत्पादन कम होने की आशंका

1.55 लाख टन यूरिया आ चुकी है राज्य में अब तक

2.43 लाख टन उर्वरकों की खपत हुई अब तक

रामगढ़ जिले की शिकायत मिली थी. वहां के जिला कृषि पदाधिकारी की रिपोर्ट आ गयी है. इसकी समीक्षा हो रही है. पिछले तीन साल के खादों की उपलब्धता की समीक्षा की गयी है. इस बार खरीफ फसल ज्यादा लगी है. इस कारण डिमांड अधिक है. खाद उपलब्ध कराया जा रहा है. उम्मीद है किसानों को परेशानी नहीं होगी.

-मनोज कुमार, निदेशक, कृषि

अभी धान के बढ़ने का समय है. इस समय पौधा से ब्रांच, पत्ता आदि निकलता है. पौधे को ऐसे समय में यूरिया की जरूरत पड़ती है. यूरिया नहीं मिलने से पौधे का विकास धीमा हो जायेगा. इससे आनेवाले समय में उपज पर असर पड़ेगा.

– डॉ ए वदूद, निदेशक अनुसंधान, बीएयू

Post By : Pritish Sahay

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