रांची. आज उत्पन्ना एकादशी है. अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है. देर रात 3.54 बजे तक एकादशी मिलने के कारण गृहस्थ व वैष्णव दोनों का व्रत है. हस्ता नक्षत्र सुबह 5.29 बजे तक है. इसके अलावा प्रीति व सौम्य योग मिल रहा है, जिससे यह दिन और शुभ हो रहा है. इस एकादशी से नये व्रत का शुभारंभ होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का महत्व है. देवी एकादशी की उत्पति होने के कारण इसी दिन से नये एकादशी व्रत का शुभारंभ होता है. व्रत रखने और कथा सुनने का महत्व है.
श्री श्याम मंदिर हरमू रोड में मंगलवार को उत्पन्ना एकादशी पर संकीर्तन का आयोजन रात 9:30 बजे शुरू होगा. बाबा का विशेष शृंगार व भजन होगा. वहीं अखंड ज्योत प्रज्जवलित की जायेगी. महामंत्री विश्वनाथ नारसरिया व अध्यक्ष सुरेश सरावगी ने सभी भक्तों से इसमें हिस्सा लेने का आग्रह किया है.वेंकटेश्वर मंदिर में विशेष अनुष्ठान आज
श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी) मंदिर में 26 नवंबर को मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी का व्रत मनाया जायेगा. विशेष आराधना, स्तुति के बाद सुबह सात बजे से श्रद्धालु व व्रती दर्शन कर सकेंगे. मंदिर का पट सुबह सात से दोपहर 12 बजे तक और शाम चार से सात बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा. इधर, सोमवार शाम रामानुजाचार्य श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्य जी एक सप्ताह के प्रवास पर श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर में पधारे हैं. उनके साथ गोविंद दास जी और दामोदर दास जी भी हैं. इस अवसर पर श्रीस्वामी जी को जय-जयकार ध्वनि के साथ मंदिर के अंदर प्रवेश कराया गया. भगवान श्रीपद्मावती वल्लभ के समक्ष संकल्प कराकर अष्टोत्तर सतनाम की अर्चना और आरती की गयी. इस अवसर पर यजमान पुलक-आयुषी सिंघानिया उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है