Latest Uttarakhand Disaster News : झारखंड सरकार के सहयोग से मजदूरों की तलाश में उत्तराखंड गये परिजन, ये बड़े अधिकारी भी हैं साथ
जानकारी के अनुसार, लोहरदगा डीसी कार्यालय से रांची रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर ध्रुव कुमार से संपर्क किया गया. लापता मजदूरों के परिजनों को दिल्ली जाने के लिए पांच टिकट आरक्षित कराने को कहा गया. दिल्ली जानेवालों में मजदूर के परिजन सीताराम उरांव, सेवक बाखला, करम दास भगत व दिगंबर महतो के अलावा श्रम अधीक्षक धीरेंद्र महतो भी हैं. श्रम अधीक्षक धीरेंद्र महतो ने कहा कि वह पूरे सफर में मजदूरों के परिजनों के साथ रहेंगे.
latest uttarakhand disaster news, jharkhand missing people in uttarakhand disaster update, lohardaga news रांची : चमोली हादसा में लापता मजदूरों को तलाशने लोहरदगा से परिजन उत्तराखंड गये. शुक्रवार को मजदूरों के परिजन राज्य सरकार के सहयोग से गरीब रथ से रांची से दिल्ली रवाना हुए. वहां से सभी उत्तराखंड जायेंगे. दिल्ली जानेवाले लोग बेटहट चाेरटांगी (लोहरदगा) के रहनेवाले हैं.
जानकारी के अनुसार, लोहरदगा डीसी कार्यालय से रांची रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर ध्रुव कुमार से संपर्क किया गया. लापता मजदूरों के परिजनों को दिल्ली जाने के लिए पांच टिकट आरक्षित कराने को कहा गया. दिल्ली जानेवालों में मजदूर के परिजन सीताराम उरांव, सेवक बाखला, करम दास भगत व दिगंबर महतो के अलावा श्रम अधीक्षक धीरेंद्र महतो भी हैं. श्रम अधीक्षक धीरेंद्र महतो ने कहा कि वह पूरे सफर में मजदूरों के परिजनों के साथ रहेंगे.
परिजनों ने कहा : ट्रेन से दिल्ली जा रहे सेवक बाखला ने कहा कि मेरे दो भाई नेमक बाखला, सुनील बाखला व चाचा उर्बानुस लापता हैं. सभी 23 जनवरी को रांची से उत्तराखंड गये थे. घटना के बाद उनका फोन बंद है. वहां के प्रशासन से भी कोई जानकारी नहीं मिल रही है. घर में मातम पसरा हुआ है. दोनों भाई की शादी नहीं हुई है, उन्हीं की कमाई से घर चलता है. वहीं, चाचा उर्बानुस की दो लड़की और एक लड़का है. घर में सब परेशान हैं, इसलिए जानकारी लेने जा रहे हैं.
वहीं, सीताराम ने कहा कि उत्तराखंड हादसे के बाद से भतीजा दीपक कुजूर (22) की कोई खबर नहीं है. घटना के दिन से ही फोन बंद आ रहा है. वह घर का इकलौता कमानेवाला सदस्य है. सरकार की ओर से अच्छी पहल की गयी है. टिकट के साथ रास्ता खर्च के लिए सभी को एक-एक हजार रुपये दिये गये हैं.
बेटा लापता, बात करते-करते रोये पिता :
करम दास भगत ने कहा कि मेरा बेटा विक्की भगत भी मजदूरी करने 23 जनवरी को गया था. घटना के बाद से ही उसका पता नहीं चल रहा है. चार हजार रुपये कर्ज लेकर बेटा की तलाश में जा रहे हैं. यह कहते-कहते वह रोने लगे. परिजनों के साथ श्रम अधीक्षक भी गये हैं दिल्ली. झारखंड से मजदूरों की तलाश में उत्तराखंड गये परिजन तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
Posted By : Sameer Oraon