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Uttarakhand Glacier Disaster : उत्तराखंड चमोली में झारखंड के अब तक मिले 15 शव, घर भेजने के लिए सरकार से हो रही है बात

चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि मरनेवाले सभी लोग सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूर थे और झारखंड के रहनेवाले थे. जिलाधिकारी ने बताया कि मृतकों के परिजनों तक शव पहुंचाने के लिए झारखंड सरकार से बात की गयी है.

रांची : उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के पास नीति घाटी के सुमना में हिमस्खलन स्थल पर लापता मजदूरों की तलाश के लिए अभियान मंगलवार को भी जारी रहा. अब तक बरामद सभी 15 शवों की शिनाख्त हो चुकी है. सभी मृतक झारखंड के हैं. शवों के जोशीमठ में पोस्टमार्टम के बाद चमोली जिला प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित रखने के लिए श्रीनगर के गढ़वाल अस्पताल भेज दिया है.

चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि मरनेवाले सभी लोग सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूर थे और झारखंड के रहनेवाले थे. जिलाधिकारी ने बताया कि मृतकों के परिजनों तक शव पहुंचाने के लिए झारखंड सरकार से बात की गयी है.

सीमा सड़क संगठन के माध्यम से बुधवार तक सभी शवों को झारखंड सरकार के सुपुर्द कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि मलारी से सुमना तक सड़क मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य भी तेजी से चल रहा है. शुक्रवार को सुमना के पास ग्लेशियर टूटने से बीआरओ के दो कैंप इसकी चपेट में आ गये थे और वहां काम कर रहे मजदूर बर्फ में दब गये थे.

सीएम ने रक्षा मंत्री राजनाथ से की बात

मजदूरों के शव भेजने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात की. इसके पूर्व एक पत्र भी सीएम ने रक्षा मंत्री को भेजा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से बीआरओ में काम कर रहे वीर श्रमिकों को हमने खो दिया था. मृतकों को झारखंड भेजने के लिए बीआरओ द्वारा अभी तक कार्यवाही नहीं की गयी है. हालांकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीआरओ की कार्यप्रणाली पर आक्रोश जताते हुए मदद का आश्वासन दिया है.

Posted By : Sameer Oraon

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