रांची: झारखंड ऐसा राज्य है, जहां के 10 लाख मजदूर दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करते हैं. यहां यह आंकड़ा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों में सबसे ज्यादा इसी राज्य के हैं. झारखंड सरकार के ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद के मुताबिक झारखंड से बाहर जाकर मजदूरी करने वालों की संख्या में कोविड काल के बाद बड़ा इजाफा हुआ है. आपको बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में झारखंड के 15 मजदूर फंसे हुए हैं. इनमें रांची के तीन, खूंटी के तीन, गिरिडीह जिले के बिरनी के दो, पश्चिमी सिंहभूम जिले से एक और पूर्वी सिंहभूम से छह मजदूर शामिल हैं.
सेफ एंड रिस्पांसिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव हुआ है लॉन्च
झारखंड सरकार के ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद के मुताबिक झारखंड सरकार ने ऐसे मजदूरों के लिए एक खास पहल चला रखी है. उनके लिए झारखंड सरकार ने दिसंबर 2021 में सेफ एंड रिस्पांसिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव लॉन्च किया था ताकि बाहर जाने वाले मजदूरों का ब्योरा रखा जा सके. हालांकि उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों ने इस पहल में अपना नाम दर्ज कराया है या नहीं, इसकी पुष्टि कर पाना मुश्किल है. बता दें कि श्री प्रसाद उस दल का हिस्सा हैं, जिन्हें झारखंड सरकार ने उत्तरकाशी में चल रहे रेस्क्यू में मजदूरों की मदद के लिए भेजा है.
लद्दाख और केरल में है हेल्प डेस्क
झारखंड सरकार के ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद के मुताबिक 1.39 लाख वर्कर इस पहल का हिस्सा बन चुके हैं. साथ ही सरकार ने लद्दाख और केरल में एक हेल्प डेस्क भी बनाई है. राज्य से 10 लाख से ज्यादा लेबर दूसरे राज्यों में चल रही परियोजनाओं में काम कर रहे हैं.