झारखंड भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा से पारित यूसीसी विधेयक को बताया ऐतिहासिक, कहा- ये कानून पंथ निर्पेक्ष

राफिया नाज़ ने आगे कहा कि यह समान नागरिक संहिता कानून देश हित में है, क्योंकि यह एक ऐसा कानून है जो पंथ निर्पेक्ष है, जो धार्मिक और लैंगिक भेद भाव नहीं करता है

By Sameer Oraon | February 12, 2024 5:07 PM

रांची : उत्तराखंड विधानसभा से पारित समान नागरिक संहिता यानी कि यूसीसी विधेयक, 2024 की चर्चा पूरे देश में है. झारखंड की प्रदेश भाजपा इकाई ने इस बिल को ऐतिहासिक बताते हुए उत्तराखंड सरकार को बधाई दी है. भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज़ ने कहा है कि समान नागरिक संहिता कानून को लागू करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली वाली उत्तराखंड सरकार को बधाई.

राफिया नाज़ ने आगे कहा कि यह समान नागरिक संहिता कानून देश हित में है, क्योंकि यह एक ऐसा कानून है जो पंथ निर्पेक्ष है, जो धार्मिक और लैंगिक भेद भाव नहीं करता है और सभी को एक सूत्र में पिरोने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करती है. उन्होंने कहा कि हमारे पथ प्रदर्शक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने भी एक देश के कानून का सपना देखा था. अब वक्त आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उस सपने को साकार किया जाए.

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उत्तराखंड विधानसभा से पारित हो चुका है समान नागरिक संहिता बिल

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही उत्तराखंड विधानसभा से समान नागरिक संहिता (UCC) बिल पेश कर दिया गया. इस बिल में शादी, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने का अधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप, शादी रजिस्ट्रेशन पर विस्तार से नियम बनाए गए हैं. समान नागरिक संहिता अधिनियम में साफ उल्लेख किया गया है कि किन रिश्तों में विवाह पर प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल को रजिस्ट्रार को जानकारी देनी होगी. लिव इन में पैदा हुए बच्चे को भी वैध माना जाएगा.

सत्ता पक्ष और विपक्ष में हुई थी जोरदार बहस

बता दें कि साढ़े चार घंटे बहस होने के बाद उत्तराखंड विधानसभा से ये बिल पारित कर दिया गया था. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच के बीच जोरदार बहस हुई. कांग्रेस ने बिल को प्रवर समिति को भेजने की मांग की, ताकि इसमें सुधार किया जा सके. वहीं, भाजपा बिल पर कुछ संशोधन करने से मना कर दिया. उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने इसे ऐतिहासिक करार दिया है.

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