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झारखंड के जेलों में जेल अधीक्षक समेत 81 फीसदी पद खाली, अपराधी अंदर से चला रहे गैंग

जेलों के लिए अधीक्षक, कारापाल, सहायक कारापाल, लिपिक, मुख्य उच्च कक्षपाल, उच्च कक्षपाल, कक्षपाल पुरुष व कक्षपाल महिला के कुल 2180 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 1769 पद खाली हैं

झारखंड के जेलों में अधीक्षक से लेकर निचले स्तर तक के कर्मचारियों के 81 फीसदी पद रिक्त हैं. जबकि, जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं. वहीं, विजिटर (जेल में कैदी से मिलने आनेवाले) का दबाव भी है. ऐसे में जाहिर है कि जेलों में मैनपावर की कमी का असर यहां की अंदरूनी व्यवस्था पर पड़ रहा है. झारखंड में कुल 31 जेल हैं. इनमें सात केंद्रीय कारा, सात जिला जेल, छह सब जेल और एक ओपन जेल (हजारीबाग) भी शामिल हैं.

इन जेलों के लिए अधीक्षक, कारापाल, सहायक कारापाल, लिपिक, मुख्य उच्च कक्षपाल, उच्च कक्षपाल, कक्षपाल पुरुष व कक्षपाल महिला के कुल 2180 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 1769 पद खाली हैं. 28 जेलों में अधीक्षक के पद स्वीकृत है. पर 20 जेलों में यह पद खाली है. दूसरी तरफ झारखंड के विभिन्न जेलों में बंद गैंगस्टर द्वारा मोबाइल से रंगदारी मांगने का सिलसिला जारी है. इस पर अब तक रोक लगाने का ठोस उपाय नहीं किया जा सका है.

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा रांची, गुमला जेल, घाघीडीह जेल, दुमका जेल, हजारीबाग जेल सहित कई जेल ऐसे हैं, जहां पर बंदियों द्वारा जेल से ही मोबाइल के जरिये गैंग ऑपरेट करने और कारोबारियों सहित अन्य को धमकी दिये जाने का मामला सामने आता रहा है. यह बात रांची व धनबाद पुलिस की जांच में सामने आ चुकी है कि गैंगस्टर अमन सिंह, अमन साहु सहित कुछ अन्य बंदी जेल में रहते हुए मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं.

पैसे हों, तो जेल में ही कई तरह की मिलती हैं सेवाएं

जेल से जुड़े सूत्र बताते हैं कि आप अगर जेल में बंद हैं और आपके पास पैसे हैं, तो जेल में रहते हुए आप मोबाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं. अपना जन्मदिन मना सकते हैं. गैंग को ऑपरेट कर सकते हैं. बाहर का लजीज भोजन भी कर सकते हैं. नियम के विपरीत न्यायिक हिरासत में रहते अपने करीबियों से मुलाकात कर सकते हैं. झारखंड पुलिस व इडी की जांच में जेल की खामियां उजागर हो चुकी हैं. जेल में बंद बदमाश हत्या की साजिश रचते हैं. हजारीबाग में बड़कागांव थाना क्षेत्र के रित्विक कंपनी के अधिकारी शरत कुमार की हत्या इसका प्रमाण है. इसी तरह बिरसा मुंडा जेल में बंद एक बंदी द्वारा 42 मोबाइल का इस्तेमाल किये जाने की बात सामने आ चुकी है.

20 जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी

राज्य के 31 जेलों में 13 जुलाई तक कैदियों की संख्या 18,897 थी, जबकि इनकी क्षमता 17421 है. देवघर में क्षमता से 140 कैदी अधिक हैं. जमशेदपुर के घाघीडीह में 232, गिरिडीह में 221 और पलामू में 316 कैदी अधिक हैं. जिला जेल चाईबासा में 389, चतरा में 388, गढ़वा में 294, गोड्डा में 234, गुमला में 314, जामताड़ा में 01, कोडरमा में 24, लातेहार में 247, लोहरदगा में 119, पाकुड़ में 58 और साहिबगंज में 116 कैदी ज्यादा हैं. सब जेल साकची में 40, सरायकेला में 144, सिमडेगा में 214, खूंटी में 99 कैदी ज्यादा हैं.

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