रांची. कोलकाता में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में रिम्स में डॉक्टरों की हड़ताल मंगवार को नौवें दिन भी जारी रही. ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहने से मरीजों का इलाज व टीकाकरण प्रभावित रहा. टीकाकरण के लिए लोग बच्चे को गोद में लेकर भटकते नजर आये. वहीं, ओपीडी बंद रहने से सामान्य मरीजों को काफी परेशानी हुई. उन्हें बिना इलाज कराये लौटना पड़ा. सिर्फ इमरजेंसी में गंभीर मरीजों का इलाज किया और कुछ बच्चों की जांच के बाद उन्हें टीका लगाया गया. इधर, सर्जरी टलने से रिम्स में सर्जरी की वेटिंग लगातार बढ़ रही है. रिम्स प्रशासनिक भवन के बरामदे में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा. इनके प्रदर्शन को फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन का भी समर्थन हासिल है. रेजिडेंट डॉक्टर्स अब कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. इधर, हड़ताल की खबर से मंगलवार को सदर अस्पताल में भी कम मरीज पहुंचे.
अलग कानून बनाने की मांग
डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए अलग कानून बनाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि सरकार से उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला.हड़ताल टूटने का इंतजार कर रहे मरीज व परिजन
राज्य के विभिन्न जिलों से रिम्स पहुंचे गंभीर मरीज व उनके परिजन पंजीयन काउंटर के बाहर फर्श पर लेट डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन, कई मरीजों को गार्ड व स्टाफ ने डॉक्टरों की हड़ताल की बात कह लौटा दिया. हालांकि, कुछ विभागों के ओपीडी में सीनियर डॉक्टर बैठे दिखे, लेकिन कुछ मरीजों को परामर्श देने के बाद ज्यादातर को लौटा दिया गया.
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