वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट का काम झारखंड में नहीं हो पा रहा है. भारतमाला परियोजना के तहत यहां से फोरलेन का एक्सप्रेस-वे बनना है. इसके लिए चतरा, हजारीबाग और बोकारो में वन भूमि के बदले में जमीन उपलब्ध करानी है, क्योंकि एनएचएआइ को सड़क परियोजना के लिए वन भूमि लेनी है. जितनी वन भूमि ली जायेगी, प्रावधान के तहत उसके एवज में उतनी ही गैर वन भूमि वन विभाग को उपलब्ध करायी जायेगी. ऐसे में एनएचएआइ को राज्य सरकार गैर वन भूमि उपलब्ध करायेगी, लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. उक्त तीन जिलों में इसकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. इस मामले को लेकर मुख्य सचिव के स्तर पर एनएचएआइ के अधिकारियों की बात भी हुई थी. जल्द जमीन उपलब्ध कराने का आश्वासन मिला था. इस पूरे प्रोजेक्ट की लंबाई करीब 610 किमी है. इसमें से करीब 210 किमी झारखंड में निर्माण होना है. रामगढ़ से होकर भी सड़क गुजरेगी. एनएचएआइ के अफसरों ने राज्य सरकार को पूरे मामले से अवगत कराया था. यह बताया था कि वन भूमि के नहीं मिलने के कारण प्रोजेक्ट को पूरा करने में देर हो सकती है. ऐसे में इस दिशा में जल्द कार्रवाई हो. एनएचएआइ के चेयरमैन संतोष यादव ने भी इस बाबत राज्य सरकार को पत्र लिखा था.
झारखंड में कहां-कहां बननी है सड़क
झारखंड में सोनपुरबीघा से सड़क चतरा में प्रवेश करेगी. फिर चतरा बाइपास होते हुए एनएच-100 के आगे डोनोरेशान गांव तक सड़क निकलेगी. यहां से एनएच-20 के जंक्शन से आगे हजारीबाग-रामगढ़ होते हुए बोकारो निकलेगी. इस क्रम में बोगंबर और लेपो गांव को यह सड़क जोड़ेगी. फिर कमलापुर गांव से झारखंड-पश्चिम बंगाल सीमा में प्रवेश करेगी.