रांची. झारखंड के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि यूजीसी के नये रेगुलेशन (ड्राफ्ट) में विवि में कुलपतियों व प्रति कुलपतियों की चयन प्रक्रिया में राज्य सरकार की भूमिका समाप्त करते हुए राज्यपाल के लिए अत्यधिक नियंत्रण का प्रावधान किया गया है. सर्च कमेटी में तीन से पांच सदस्यों की सीमा को संशोधित करते हुए केवल तीन सदस्यीय समिति का निर्धारण किया गया है. साथ ही उक्त तीनों सदस्यों की योग्यता का निर्धारण भी यूजीसी ने कर दिया है. राज्य सरकार के किसी भी प्रतिनिधि को सर्च कमेटी में रखने का विकल्प ही समाप्त कर दिया गया है. इसके फलस्वरूप राज्य सरकारों के साथ राजनैतिक मतभेद उत्पन्न होने की संभावना है. मंत्री श्री सोनू बुधवार को बेंगलुरु में नयी शिक्षा नीति के तहत देश भर के उच्च शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में बोल रहे थे.
राज्य सरकार की शक्तियों को खत्म करने का प्रयास
मंत्री ने कहा कि हमारे देश के संविधान निर्माताओं ने संघीय परिकल्पना के अनुसार, केंद्र एवं राज्य के मध्य शक्तियों का वितरण किया है. इसके आधार पर उनके कार्यक्षेत्रों का निर्धारण किया गया है. इसके प्रशासकीय नियंत्रण में प्रतिनिधित्व तथा उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया गया है. यह संशोधन राज्य सरकार की शक्तियों को समाप्त करने का एक कुत्सित प्रयास है. विडंबना है कि इन संस्थानों का वित्त पोषण राज्य सरकार करेगी तथा नियंत्रण किसी और का होगा. मंत्री ने कहा कि यूजीसी देश के सभी विवि को सेक्शन दो (एफ) के अंतर्गत डिग्री प्रदान करने की शक्ति देता है. इसलिए यूजीसी रेगुलेशन को राज्य सरकार द्वारा लागू किया जाना अनिवार्य होगा.
राज्य सरकारों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाना जरूरी
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन में समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाना जरूरी है. मंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य में उच्च शिक्षा की पहुंच बढ़ाने तथा जीइआर में वृद्धि के लिए हमारी सरकार नये विवि व महाविद्यालय स्थापित कर रही है. मध्य वर्ग तथा निम्न वर्ग के विद्यार्थियों के लिए गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मानकी मुंडा स्कॉलरशिप स्कीम, सीएम फेलोशिप योजना फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस आदि योजनाएं लागू की गयी हैं. ताकि, राज्य के राजकीय विवि व कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण करनेवाले सात लाख विद्यार्थियों के उच्च शिक्षा ग्रहण करने में किसी प्रकार अवरोध न हो. सरकार इसके लिए प्रतिवर्ष लगभग 1700 करोड़ रुपये व्यय कर रही है. मंत्री ने कहा कि यूजीसी के नये नियम में प्रावधान है कि सृजित पदों के विरुद्ध संविदा शिक्षकों की नियुक्ति शत प्रतिशत की जा सकती है, जो उच्च शिक्षा संस्थानों के स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण के प्रतिकूल निर्णय होगा.
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