संजीव सिंह, रांची : केंद्रीय विवि, झारखंड (सीयूजे) के कुलपति डॉ नंद कुमार यादव इंदु ने खुद ही अपना कार्यकाल बढ़ा लिया. विवि के रजिस्ट्रार एलएल हरि कुमार ने इस मामले में केंद्र को दरकिनार कर अपने स्तर से अधिसूचना भी जारी कर दी. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव अमित खरे को इसकी भनक लगी, तो उन्होंने सबसे पहले डॉ यादव को हटाने का आदेश दिया. साथ ही विवि के रजिस्ट्रार से स्पष्टीकरण मांगा है.
रजिस्ट्रार से पूछा गया है कि उन्होंने किन परिस्थितियों में अपने स्तर से कुलपति का कार्यकाल बढ़ाने संबंधी अधिसूचना जारी की? साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकार का उपयोग कैसे किया? मूल रूप से भागलपुर के रहनेवाले डॉ यादव ने एक अगस्त 2015 को सीयूजे में कुलपति के पद पर योगदान दिया. इनका कार्यकाल 31 जुलाई 2020 को समाप्त हो गया.
डॉ यादव ने विवि एक्ट का हवाला देकर रजिस्ट्रार डॉ एसएल हरि कुमार से नयी नियुक्ति होने तक अपना कार्यकाल बढ़ाने संबंधी अधिसूचना भी जारी करा ली. रजिस्ट्रार ने 21 जुलाई 2020 को अधिसूचना जारी की. इसमें कहा गया कि विवि एक्ट 2(4) के तहत योगदान करने की तिथि से पांच वर्ष या फिर 70 वर्ष की उम्र (जो पहले) तक कार्य कर सकते हैं. साथ ही नयी नियुक्ति होने तक कार्य पर बने रहेंगे.
मिली चेतावनी : पद नहीं छोड़ा, तो जबरन हटाया जायेगा : केंद्र ने डॉ यादव को चेतावनी दी थी कि वे स्वत: पद छोड़ दें, अन्यथा उन्हें जबरन हटा दिया जायेगा. इसके बाद डॉ यादव ने सोमवार को पद छोड़ दिया. साथ ही विवि के वरीय प्राध्यापक सह रसायनशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ आरके डे को पदभार सौंप दिया. डॉ डे इसी विवि में पूर्व रजिस्ट्रार भी रह चुके हैं. इनके समय में ही विवि में साइन डाइ हुआ था. साइन डाइ लगने के बाद इन्हें उक्त पद से हटा दिया गया था. डॉ यादव को विवि के शिक्षकों, अधिकारियों व कर्मचारियों ने विदाई भी दी. हालांकि, विवि की तरफ से बताया गया कि खराब सेहत व पारिवारिक कारणों से डॉ यादव पद छोड़ रहे हैं.
बिहार में केंद्र के निर्देश पर कुलपति को दिया गया सेवा विस्तार : केंद्रीय विवि, साउथ बिहार के कुलपति डॉ हरिश्चंद्र राठौर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद केंद्र के निर्देश पर अगले आदेश तक कुलपति का कार्य देखने का निर्देश दिया गया है. इस बाबत रजिस्ट्रार कर्नल राजीव कुमार सिंह ने अधिसूचना जारी की है. इधर, चर्चा है कि डॉ राठौर को ही सीयूजे मामले की जांच की जिम्मेवारी दी गयी है.
सीयूजे के कुलपति डॉ नंद कुमार यादव इंदु ने कार्यकाल समाप्त होने के बाद रजिस्ट्रार के माध्यम से अपने स्तर से कार्यकाल बढ़ाने की अधिसूचना जारी करा ली है. उन्हें पद छोड़ने को कहा गया है, जबकि रजिस्ट्रार से स्पष्टीकरण मांगा गया है. संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर उन पर कार्रवाई तय है.
अमित खरे, सचिव, केंद्रीय मानव शिक्षा मंत्रालय, दिल्ली
Post By: Pritish Sahay