झारखंड में गाड़ी खरीदनेवालों से डीलर ले रहे हैं अतिरिक्त चार्ज, निबंधन के नाम पर वसूले 90.99 करोड़ रुपये
21 नवंबर तक डीलरों ने चार पहिया वाहनों में लगभग 11़ 96 करोड़, दो पहिया में 55़ 92 करोड़ और अन्य प्रकार के वाहनों में लगभग 23़ 11 करोड़ अतिरिक्त वसूले हैं.
राजेश कुमार, रांची
झारखंड में वाहन निबंधन के नाम पर डीलर निबंधन राशि के अलावा हैंडलिंग चार्ज या सर्विस चार्ज के नाम पर लोगों से अतिरिक्त राशि ले रहे हैं. वर्ष 2023 में ही लोगों से वाहन निबंधन के नाम पर डीलरों ने लगभग 90़ 99 करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूले हैं. कुछ डीलर अतिरिक्त राशि का उल्लेख कागजात में कर रहे हैं, तो कुछ डीलर छिपी हुई राशि जोड़ कर ग्राहकों से ले रहे हैं. ग्राहकों को जब रजिस्ट्रेशन राशि का मैसेज माेबाइल में पहुंचता है, तब जाकर कई ग्राहकों को अतिरिक्त राशि का पता चलता है.
48,629 चार पहिया वाहनोंं की हुई है बिक्री :
अकेले, झारखंड में ही एक जनवरी, 2023 से लेकर 21 नवंबर, 2023 तक कुल मिला कर 4,77,002 गाड़ियों की बिक्री हो चुकी है. इसमें चार पहिया वाहन 48,629 और मोटरसाइकिल या स्कूटर (दो पहिया) 3,12,775 हैं. 1,15,598 वाहन अन्य प्रकार के हैं, जिसमें इ-रिक्शा, मालवाहक ऑटो, पैसेंजर ऑटो, कॉमर्शियल ट्रैक्टर आदि शामिल हैं. इस वर्ष 21 नवंबर तक डीलरों ने चार पहिया वाहनों में लगभग 11़ 96 करोड़, दो पहिया में 55़ 92 करोड़ और अन्य प्रकार के वाहनों में लगभग 23़ 11 करोड़ अतिरिक्त वसूले हैं.
अलग-अलग डीलरोंं के यहां अलग-अलग राशि :
स्थिति यह है कि अलग-अलग डीलरों के यहां सर्विस चार्ज या हैंडलिंग चार्ज भी अलग-अलग है. कुछ डीलर सर्विस चार्ज के लिए जीएसटी बिल काट रहे हैं. उदाहरण के रूप में डीलर निबंधन राशि के रूप में दो पहिया वाहन खरीदनेवाले लोगों से लगभग 2110 रुपये और चार पहिया के लिए 3010 रुपये अधिक ले रहे हैं. जीएसटी काटने के बाद भी डीलरों को क्रमश: 1788़ 14 रुपये और 2,460 रुपये की बचत हो रही है.
ऐसे समझें वसूली का गणित
झारखंड में एक जनवरी, 2023 से लेकर 21 नवंबर तक 4,77,002 गाड़ियों की बिक्री हुई है. लोगों से दो पहिया वाहनों में 1788 रुपये और चार पहिया में वाहनों से 2,460 रुपये अतिरिक्त लिये जाते हैं. यह राशि जीएसटी हटाने के बाद की है, जिसे हैंडलिंग चार्ज या सर्विस चार्ज के रूप में लिया जाता है. अन्य प्रकार के वाहनों में औसतन 2,000 प्रति वाहन लिये जाते हैं.
वाहन प्रकार-वाहन बिक्री-औसत बचत-कुल राशि
चार पहिया-48,629-2460-11़ 96 करोड़
दो पहिया-3,12,775-1788-55़ 92 करोड़
अन्य वाहन-1,15,598-2000-23़ 11 करोड़
नोट : अन्य प्रकार के वाहनों में इ-रिक्शा, मालवाहक ऑटो, पैसेंजर ऑटो, कॉमर्शियल ट्रैक्टर आदि शामिल किये गये हैं.
क्यों बना यह नियम :
डीलर रजिस्ट्रेशन का नियम परिवहन विभाग ने बनाया है. इसके पीछे विभाग का तर्क था कि लोगों को डीटीओ कार्यालय का चक्कर न लगाना पड़े. लोगों के बार-बार डीटीओ कार्यालय में आने पर आरोप लगता था कि यहां पैसा लिया जाता है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि डीलर रजिस्ट्रेशन का मकसद यह है कि कोई भी व्यक्ति सीधे यह नहीं कह पाये कि डीटीओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन के लिए अलग से पैसा लिया गया.
डीलर को मिली है खुली छूट :
अतिरिक्त राशि लेने के लिए वाहन डीलरों को खुली छूट मिली हुई है. ग्राहकों से सर्विस चार्ज के नाम पर डीलर ही अतिरिक्त राशि लेते हैं और वहीं से इसका बंटवारा भी होता है. ग्राहकों से ली गयी अतिरिक्त राशि का बंटवारा डीलर और डीटीओ कार्यालय के बीच होता है. इन सबके बीच ब्रोकर ही काम करते हैं. यही नहीं, अलग-अलग वाहन डीलरों के लिए अलग-अलग ब्रोकर भी हैं.
लोगों ने कहा : तय हो न्यूनतम शुल्क
इधर, लोगों का कहना है कि वाहन निबंधन के नाम पर शुल्क लेना भी है, तो सरकार ही इसके लिए एक न्यूनतम शुल्क तय करे, ताकि लोगों पर अतिरिक्त भार न पड़े. वाहन डीलरों ने अपने-अपने हिसाब से रेट तय कर दिया है. न चाहने के बाद भी लोगों को अधिक राशि चुकानी पड़ रही है.
कितने वाहन खरीदे गये
वाहन- संख्या
दो पहिया- 3,12,775
चार पहिया- 48,629
ट्रैक्टर कॉमर्शियल- 9,400
मोपेड- 6680
इ-रिक्शा- 9996
(नोट : एक जनवरी से 21 नवंबर, 2023 तक का है आंकड़ा. अन्य में सभी प्रकार के वाहन शामिल हैं.)
वाहन डीलरों को निर्धारित निबंधन शुल्क लेना चाहिए. किसी प्रकार की अतिरिक्त राशि नहीं ली जानी चाहिए. यदि जरूरत हो, तो सभी वाहन डीलरों के लिए सरकार निर्धारित सेवा शुल्क तय कर दे, ताकि लोग ठगे न जायें.
किशोर मंत्री, अध्यक्ष, झारखंड चेंबर