रांची: राजधानी में तेज रफ्तार वाहनों की वजह से आये दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. आलम यह है कि पिछले साल 2022 के शुरुआती तीन महीनों (जनवरी से मार्च) में रांची जिले में कुल 146 सड़क हादसे हो चुके हैं. इन हादसों को रोकने के उद्देश्य से राजधानी में तेज रफ्तार वाहन चलानेवालों पर लगाम कसी जायेगी.
इसके लिए राजधानी में 10 स्थानों (शहर के इंट्री प्वाइंट) चिह्नित कर ‘स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन’ की ओर से स्पीड वायलेशन डिटेक्टर कैमरे लगाये गये हैं. साथ ही इन जगहों पर वाहनों की स्पीड लिमिट (वाहनों की गति सीमा) भी तय कर दी गयी है. इन जगहों पर तय सीमा से अधिक तेजी से वाहन चलानेवाले वाहन चालकों से जुर्माना वसूल किया जायेगा. प्रस्तुत है लाइफ @ रांची की यह रिपोर्ट…
ऐसा माना जा रहा है कि राजधानी के इंट्री प्वाइंट पर सड़कें चौड़ी और खाली हैं. इन जगहों पर अमूमन लोग तेज गति से वाहन चलाते हैं, जिसकी वजह से अक्सर सड़क हादसे होते हैं. परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की ओर से मिले आंकड़े बताते हैं कि रांची जिले में अलग-अलग जगहों पर पिछले 15 महीने (जनवरी 2021 से मार्च 2022 तक) में कुल 790 सड़क हादसे हो चुके हैं. इनमें कुल 560 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 339 लोग घायल हुए हैं. इसे देखते हुए रांची की ट्रैफिक पुलिस ने स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन की मदद से शहर के 10 इंट्री प्वाइंट को चिह्नित किया और वहां
स्पीड वायलेशन डिटेक्टर कैमरे लगाये. साथ ही नौ जगहों पर 40 किमी प्रति घंटा और एक स्थान पर 30 किमी प्रति घंटा की स्पीड लिमिट तय कर दिया है. फिलहाल, जगहों पर साइन बोर्ड लगाया जा रहा है. कैमरों के पहले दो साइन बोर्ड और कैमरा के आगे एक साइन बोर्ड लगाया जायेगा. इसमें स्पीड लिमिट के साथ ‘आप कैमरे की निगरानी में हैं. निर्धारित गति से अधिक वाहन को न चलायें.’ का संदेश भी लिखा होगा.
नयी व्यवस्था को लागू कराने के लिए ट्रैफिक डीएसपी जीत वाहन उरांव, सड़क सुरक्षा के रोड इंजीनियर एनालिस्ट गौरव कुमार, आरसीडी के कार्यपालक अभियंता और स्मार्ट सिटी के प्रतिनिधि संयुक्त रूप से स्थल का निरीक्षण कर चुके हैं. साइन बोर्ड लगाने का काम एक हफ्ते में पूरा हो जायेगा. इसके बाद यह देखा जायेगा कि सभी कैमरे इंटीग्रेटेड हैं या नहीं, वाहन का फोटो व उसकी गति को ठीक से रीड कर पा रहे हैं या नहीं. यह भी देखा जायेगा कि कैमरा में कैप्चर डाटा सही तरीके से कंट्रोल रूम तक पहुंच रहा है या नहीं. सब कुछ सही पाये जाने के बाद सभी कैमरों को एक्टिव कर दिया जायेगा.
सभी स्पीड वायलेशन डिटेक्टर कैमरे धुर्वा स्थित स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे, जहां से तेज गति से चलनेवाले वाहनों की मॉनिटरिंग की जायेगी. कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए अलग-अलग टीम काम करेगी. संबंधित जगहों पर लगे कैमरे तेज रफ्तार वाहन का फोटो (नंबर के साथ) कैप्चर कर कंट्रोल रूम तक भेजेंगे. उसी फोटो के आधार पर कंट्रोल रूम से गति सीमा का उल्लंघन करनेवाले वाहन चालक के नाम चालान जेनरेट कर उनके आवासीय पते पर भेजा जायेगा.
स्थान लिमिट
1. खरसीदाग ओपी थाना से रांची इंट्री रोड 40
2. शहीद मैदान से धुर्वा गोलचक्कर 40
3. रामपुर तिराहा रिंग रोड से रांची सिटी 40
4. तिलता रिंग रोड चौक से रांची सिटी रोड 40
5. पिस्का मोड़ से रवि स्टील चौक पंडरा 40
स्थान लिमिट
6. हिनू एयरपोर्ट रोड 40
7. सेटेलाइट कॉलोनी चौक से डिबडीह ब्रिज 40
8. मेसरा रेलवे ओवब्रिज से डीपीएस ग्रेटर रांची 40
9. कांके रिंग रोड से बिरसा यूनिवर्सिटी 40
10. रांची कॉलेज प्लेग्राउंड से स्टेट गेस्ट हाउस 30
राजधानी में 10 जगहों पर स्पीड वायलेशन डिटेक्टर कैमरे लगाये गये हैं. किसी एक जगह पर ओवर स्पीड की वजह से किसी व्यक्ति का चालान कटता है, तो उस दिन दूसरी जगह उसका चालान नहीं कटेगा. इसके लिए सभी कैमरे को इंटीग्रेट किया जायेगा. नयी व्यवस्था के तहत ओवर स्पीडिंग के लिए 1,000 रुपये जुर्माना का प्रावधान है. अगर कोई व्यक्ति ओवर स्पीडिंग मामले में तीन बार पकड़ा जाता है, तो ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड करने का प्रावधान है.
डीटीओ प्रवीण कुमार प्रकाश ने कहा कि 83 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं सीधी सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाने के कारण हो रही हैं. लोगों में भय हो सके, इसके लिए स्पीड वायलेशन डिटेक्टर कैमरा लगाये गये हैं.
ओवर स्पीडिंग पाये जाने पर 1000 रुपये का जुर्माना किया जायेगा. एक ही गलती के लिए तीन बार जुर्माना होने पर वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड करने के लिए डीटीओ को अनुशंसा की जायेगी. एक सप्ताह के भीतर स्पीड वायलेशन कैमरा को चालू करने की योजना है.
– जीत वाहन उरांव, ट्रैफिक डीएसपी
Posted By: Sameer Oraon