रांची : सड़क किनारे दुकानदारों के वाहन, 12 फीट की सड़क हो जाती है छह फीट की, लगता है जाम

ट्रैफिक पुलिस दुकानदार से ठेला काे खाली जगह में लगाने के लिए कहते हैं, तो दुकानदार ट्रैफिक पुलिस से उलझ जाते हैं. कितना भी भीषण जाम हाे, कभी भी दुकानदार अपने वाहन को थोड़ा भी इधर-उधर नहीं करते.

By Prabhat Khabar News Desk | February 6, 2024 4:51 AM

रांची : रांची के अपर बाजार में सड़क किनारे दुकानदारों द्वारा वाहन पार्क किये जाने से 12 फीट चौड़ी सड़क मात्र छह-सात फीट की रह जाती है. इस कारण सड़कों पर जाम लगता रहता है. रंगरेज गली से लेकर ढिबरी पट्टी (कला संगम दुर्गा मंदिर वाला रोड) तक दोनों ओर दुकानदारों द्वारा वाहन लगा दिये जाने के कारण जाम लग रहा है. ऐसा नहीं है कि ट्रैफिक पुलिस वहां जाम हटाने का प्रयास नहीं करती. ट्रैफिक पुलिस जैसे ही जाम हटा कर वहां से हटती है, तत्काल उसी स्थान पर कोई गाड़ी या सामान से लदा ठेला लगा दिया जाता है.

ट्रैफिक पुलिस दुकानदार से ठेला काे खाली जगह में लगाने के लिए कहते हैं, तो दुकानदार ट्रैफिक पुलिस से उलझ जाते हैं. कितना भी भीषण जाम हाे, कभी भी दुकानदार अपने वाहन को थोड़ा भी इधर-उधर नहीं करते. ऐसे तो हर दिन अपर बाजार की मुख्य सड़क पुस्तक पथ से लेकर महावीर चौक तक जाम रहता है, लेकिन बाजार के दिन जैसे बुधवार व शनिवार को जाम की स्थिति भयावह हो जाती है. इन दोनों दिन शाम 5:00 बजे से 7:30 बजे तक इस रोड में वाहन चलते नहीं, सरकते है़ं अपर बाजार की अन्य सड़कों की स्थिति भी कमोबेश वैसे ही है. कोतवाली थाना से जैन मंदिर होते हुए बकरी बाजार की ओर निकलने वाला राेड भी शाम होते ही जाम होने लगता है. अपर बाजार खरीदारी करने आनेवाले ग्राहक भी सड़क पर आड़ा-तिरछा वाहन लगा कर खरीदारी करने चले जाते हैं. यह भी जाम लगने का एक प्रमुख कारण है.

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वन वे व्यवस्था कुछ दिनों में हो गयी थी ध्वस्त

शहीद चौक से पुस्तक पथ, गांधी चौक, महावीर चौक, प्यादा टोली होते हुए किशाेरी यादव तथा किशोरी यादव की ओर से नागा बाबा खटाल, मैकी रोड से महावीर चौक, श्रद्धानंद रोड होते हुए सुभाष चौक तक की सड़क को पिछले दिनों वन वे किया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही यह व्यवस्था टांय-टांय फिस्स हो गयी. कुछ दिनों पहले नो पार्किंग का जुर्माना भी किया जा रहा था. लेकिन दुकानदारों ने उसका भी विरोध करना शुरू कर दिया. बाद में चेंबर के अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया. इसके बाद फिर से दुकानदार मनमानी करने लगे.

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