झारखंड हाइकोर्ट ने सरकारी तथा निजी वाहनों में बिना अधिकार के नेम प्लेट व बोर्ड लगाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार का पक्ष सुना. शपथ पत्र का अवलोकन किया. खंडपीठ ने राज्य सरकार के जवाब पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि बिना अधिकार के सरकारी या निजी वाहन में नेम प्लेट लगानेवालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहनी चाहिए.
नियमावली के अनुरूप कार्रवाई हो. समय-समय पर नियमावली का प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए, ताकि लोग जागरूक हो सकें. खंडपीठ ने राज्य सरकार को उक्त निर्देश देते हुए जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता फैसल अल्लाम ने पैरवी की. वहीं राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर कर बताया गया कि नियमावली लागू होने के बाद से सरकारी व निजी वाहनों पर नेम प्लेट व बोर्ड लगानेवालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की गयी है.
वर्ष 2023 तक 2398 वाहनों, जिसमें पांच सरकारी वाहन भी शामिल हैं, के खिलाफ बिना अधिकार के नेम प्लेट व बोर्ड लगाने पर जुर्माना वसूला गया है. लगभग 11.99 लाख रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गजाला तनवीर ने जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने वाहनों पर नेम प्लेट या बोर्ड लगाने पर रोक लगाने की मांग की थी.