पशु चिकित्सकों का काम ज्यादा चुनौतीपूर्ण : वीसी

बीएयू में विश्व पशु चिकित्सा दिवस मनाया गया. वीसी ने कहा कि हमें स्थानीय पशु नस्लों के आनुवांशिक सुधार के लिए शोध करने की आवश्यकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 28, 2024 12:14 AM

रांची. पशुचिकित्सक वैसे जीवों का इलाज करते हैं, जो अपना दुख, दर्द और समस्या नहीं बता सकते हैं. इसलिए उनका काम मेडिकल कॉलेज से डिग्री लेने वाले चिकित्सकों से ज्यादा कठिन और चुनौतीपूर्ण है. पशु चिकित्सकों को अपने प्रोफेशन पर गर्व होना चाहिए. यह बात बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कही. डॉ दुबे शनिवार को विवि अंतर्गत पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय में आयोजित विश्व पशु चिकित्सा दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे. प्रत्येक वर्ष पूरी दुनिया में अप्रैल माह के अंतिम शनिवार को विश्व पशु चिकित्सा दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर कुलपति ने आगे कहा कि हमें स्थानीय पशु नस्लों के आनुवांशिक सुधार के लिए शोध करने तथा झारखंड में एंटी माइक्रोबियल प्रतिरोध की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए भी योजना बनाने की आवश्यकता है. विशेषज्ञ का व्याख्यान कराने का निर्देश : इस मौके पर कुलपति ने पशुचिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हाल में हुई प्रगति पर किसी बड़े विशेषज्ञ का व्याख्यान आयोजित कराने का भी निर्देश दिया. इस अवसर पर कुलपति ने विवि के सभी वर्गों के कर्मियों और विद्यार्थियों के लिए पहचान पत्र बनवाने और उसका नियमित उपयोग करने की बात कही. इससे पूर्व स्वागत डीन डॉ सुशील प्रसाद ने किया. कार्यक्रम में पशुपालन विभाग की संयुक्त निदेशक डॉ रजनी पुष्पा सिंकू, विवि के निदेशक प्रशासन एजाज अनवर, डीन पीजी डॉ एमके गुप्त तथा विद्यार्थी रौनक सिंह ने भी अपने विचार रखे. संचालन डॉ नंदिनी कुमारी ने किया. इस अवसर पर डॉ सीएम प्रसाद सहित डीन, डायरेक्टर, शिक्षक आदि उपस्थित थे.

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