रांची : जेपीएससी की ओर से पांच वर्ष बाद बिरसा कृषि विवि अंतर्गत वेटनरी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर सह जूनियर साइंटिस्ट की नियमित नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी है. आयोग ने प्रथम चरण में तीन विषयों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है.
इसके तहत एनिमल न्यूट्रेशन में दो पद, बायो कैमिस्ट्री में एक पद अौर स्टेटिस्टिक्स विषय में एक पद पर नियुक्ति के लिए अौपबंधिक रूप से 21 अभ्यर्थियों को 24 मार्च 2022 को दिन के 10 बजे से कागजात सत्यापन के लिए कार्यालय बुलाया गया है. चार पदों के लिए कुल 51 में 30 अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित किया गया है.
एनिमल न्यूट्रेशन विषय में 21 में 13 अभ्यर्थी को अोवर एज व अन्य कारणों से अयोग्य घोषित किया गया है. इसी प्रकार बायोकैमिस्ट्री में 14 में 10 अभ्यर्थी को अोवर एज व अन्य कारणों से अयोग्य घोषित किया गया है. स्टेटिस्टिक्स विषय में 16 अभ्यर्थियों में से सात अभ्यर्थियों को पीएचडी नहीं होे, अोवर एज व समय पर आवेदन नहीं मिलने के कारण अयोग्य घोषित किया गया है.
वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया (वीसीआइ) ने वेटनरी कॉलेज में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने पर राज्य सरकार व बीएयू को चेतावनी दी है कि जून 2022 तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती है, तो कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी जायेगी. इसे देखते हुए पिछले दिनों कृषि विभाग, वेटनरी कॉलेज, बीएयू व जेपीएससी प्रशासन के साथ शिक्षक नियुक्ति को लेकर बैठक भी हुई. बैठक में मार्च-अप्रैल से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गयी थी.
केंद्रीय विवि झारखंड (सीयूजे) में पूर्व कुलपति डॉ एनके यादव इंदू के कार्यकाल में शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति की जांच करने आयी पांच सदस्यीय केंद्रीय टीम ने लगभग तीन माह बीतने के बाद भी रिपोर्ट नहीं सौंपी है. जानकारी के अनुसार, नियुक्त शिक्षकों व कर्मचारियों को बचाने के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप शुरू हो गया है.
संगठन से जुड़े लोग, राज्य के पूर्व मंत्री सहित केंद्र के मंत्री भी किसी पर कोई कार्रवाई न हो, इसके लिए प्रयासरत हैं. पूर्व कुलपति के कार्यकाल (2015-2020) में गलत ढंग से 50 शिक्षकों व 62 कर्मचारियों नियुक्ति की गयी थी. इनमें कई शिक्षक व कर्मचारी कुलपति के रिश्तेदार थे. कई लोग विभिन्न राजनीतिक दल के प्रमुख के रिश्तेदार या जान पहचान वाले थे.
Posted By: Sameer Oraon