रांची : बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा महागठबंधन के साथ मिल कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. झामुमो ने बिहार विधानसभा की 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनायी है. इसमें तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रुपौली, प्राणपुर, बरबंकी जमालपुर, पीरपैंती, जमालपुर व चकाई शामिल है.
वर्ष 2005 में झामुमो ने चकाई सीट को जीतने का भी काम किया था. सोमवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा बिहार में झामुमो आज भी सक्रिय व मजबूत है. पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर है.
अगले बुधवार को बिहार कमेटी के लोग रांची आ रहे हैं. कमेटी के सदस्य कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर आगे की रणनीति तय करेंगे. पार्टी ने एक बार फिर से बिहार विधानसभा चुनाव में तीर धनुष का सिंबल प्रदान करने के लिए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है. 2019 के विधानसभा चुनाव में जदयू की आपत्ति पर निर्वाचन आयोग ने पार्टी के सिंबल तीर धनुष को फ्रीज कर दिया था.
उन्होंने बताया कि बिहार में राजद के नेतृत्व में महागठबंधन बन रहा है. इसमें कांग्रेस, आरएलएसपी, झामुमो और वीआइपी पार्टी शामिल है. अभी अनौपचारिक बातचीत चल रही है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव में राजद को महागठबंधन में सात सीटें दी गयी थी. एक सीट जीतने पर राजद कोटे से उन्हें मंत्री बनाया गया है. उन्होंने कहा बिहार में झामुमो का अपना वजूद है. पार्टी यहां चुनाव जीतने का काम करेगी. वर्ष 1980 से झामुमो एकीकृत बिहार में चुनाव लड़ने का काम कर रही है. बिहार में सरकार बनाने में पार्टी का अहम रोल रहा है.
अनुकरणीय बना झारखंड सरकार का शासन मॉडल : श्री भट्टाचार्य ने हेमंत सोरेन को सोशल मीडिया पर सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने प्रतिबद्धता के साथ सरकार के शासन चलाने की रणनीति को बढ़ावा दिया है. झारखंड का शासन मॉडल अब देश का अनुकरणीय मॉडल बन गया है.
Post by : Pritish Sahay