भगवान बिरसा मुंडा की जयंती (15 नवंबर) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत संकल्प यात्रा को लांच करेंगे. इसके तहत 2500 आईईसी वैन रवाना किए जाएंगे, जो 2.5 लाख ग्राम पंचायतों और 3700 शहरी नगर निकायों में जाएगी. आदिवासी बहुल इलाके से यात्रा की शुरुआत होगी और यह दो महीने तक चलेगी. इस यात्रा का उद्देश्य समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचना है. साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना भी है. इस यात्रा के दौरान योजना से लाभन्वित व्यक्तियों की कहानियां बताई जाएंगी, लोग अपने अनुभव शेयर करेंगे, नुक्कड़ नाटक और क्विज के माध्यम से लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में अवगत कराया जाएगा. देश के उन राज्यों में विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरुआत नहीं होगी, जहां चुनाव हो रहे हैं. छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा के चुनाव की घोषणा हो चुकी है. इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू है. इसलिए इन राज्यों में अभी इस यात्रा की शुरुआत नहीं होगी. इन प्रदेशों में चुनाव संपन्न होने के बाद इस यात्रा की शुरुआत की जाएगी.
विकसित भारत संकल्प यात्रा में अधिकारियों की तैनाती का विरोध
विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए जिलों में अधिकारियों की तैनाती का विरोध भी शुरू हो गया है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिकट रिफॉर्म्स (एडीआर) के संस्थापक ने राष्ट्रपति से इसकी शिकायत भी की है. आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव ईएएस सरमा और एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. इन्होंने कहा है कि इस तरह किसी सरकार की योजना के प्रचार-प्रसार में नौकरशाही का इस्तेमाल करना उचित नहीं है. इसलिए इस अभियान में अधिकारियों की तैनाती को रोका जाए.
26 नवंबर से 26 जनवरी तक आकाशवाणी पर विशेष प्रोग्राम
इनका कहना है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए आकाशवाणी पर 26 नवंबर से 26 जनवरी तक एक कार्यक्रम प्रसारित किया जाएगा. इतना ही नहीं, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन ने हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू में 3.34 करोड़ कैलेंडर, 88 लाख पॉकेट बुकलेट और 1.67 करोड़ ब्रोशर छापने का टेंडर जारी किया है. इन्होंने कहा कि ऐसे समय में, जब पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, सरकार की इस योजना से वोटर प्रभावित हो सकते हैं. साथ ही अधिकारियों को इस काम में लगाना, ब्यूरोक्रेसी का दुरुपयोग है. इन्होंने यह भी कहा है कि 18 अक्टूबर को कार्मिक विभाग की ओर से सभी विभागों से कहा गया है कि वे अपने अधिकारियों को ‘जिला रथ प्रभारी’ के रूप में तैनात करें. यह रथ एनडीए सरकार के नौ साल की उपलब्धियों के बारे में लोगों को बताएगा.