चुआं का पानी पीने को विवश हैं ग्रामीण

खलारी प्रखंड के पियारटांड़ में पेयजल की समस्या

By Prabhat Khabar News Desk | April 23, 2024 6:36 PM

खलारी

कोयलांचल में बढ़ रही गर्मी के कारण जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है. नदियां, तालाब और कुएं सूख रहे हैं. खलारी प्रखंड के चूरी दक्षिणी पंचायत के पियारटांड़ के ग्रामीणों को सपही नदी से पानी लाना पड़ रहा है. ग्रामीण नदी में चुआं बनाते हैं और बर्तन में पानी जमा करते हैं. वे तपती धूप में पानी ढोने को विवश हैं. पुरुष भी भार से पानी ढो रहे हैं. पियारटांड़ की आबादी लगभग 200 है.

गांव में नहीं है हैंडपंप

पियारटांड़ में एक भी हैंडपंप नहीं है. कुआं और जलमीनार भी नहीं है. गांव के दूर खेत में एक कुआं है, जहां से ग्रामीण पेयजल लाते हैं और उसका उपयोग करते हैं. गर्मी के कारण ग्रामीणों को पानी की काफी किल्लत हो जाती है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के फिल्टर प्लांट की सप्लाई पानी का कनेक्शन भी इस गांव में नहीं है. जिसके कारण गांव की महिलाओं, युवतियों व बच्चों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

सपही नदी में चुआं खोदकर पानी लानेवाले ग्रामीणों ने बताया कि बुकबुका में बना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का इंटकवेल चूरी दक्षिणी पंचायत के सपही नदी में बनाया गया है. परंतु हम ग्रामीणों को आज तक इसकी सुविधा नहीं मिली है. कुलदीप मुंडा ने कहा कि पिछले वर्ष तथा इस वर्ष भी गांव में हैंडपंप के लिए बोर किया गया था, पर सक्सेस नहीं हुआ. गांव में एक भी कुआं नहीं है, इसलिए दूर खेत में जाकर कुआं से पानी लाना पड़ता है. सपही नदी में चुआं खोद पानी लाने को वे विवश हैं. गुड्डू मुंडा ने बताया कि गर्मी के दिनों में पानी की समस्या काफी बढ़ जाती है. नहाने से लेकर बर्तन धोने तक सपही नदी के पानी पर ग्रामीण निर्भर हैं.

डीप बोर की मांग

ग्रामीणों ने बताया कि डीप बोर पियारटांड़ में हो जाता तो पेयजल की समस्या का समाधान हो जाता. ग्रामीणों ने विभाग से गांव में डीप बोर कराने की मांग की है. पंचायत के मुखिया कुलदीप मुंडा ने बताया कि इस गांव में डीप बोर के लिए विभाग को लिखा गया था, परंतु नॉर्मल बोरिंग कर दिया गया है. जिसके कारण बोरिंग में पानी नहीं निकला. मुखिया ने बताया कि विभाग व बीडीओ को मामले की जानकारी दी गयी है.

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