ग्रामीणों को प्यास बुझाने के लिए खरीदना पड़ रहा है पानी
सीसीएल की जलापूर्ति व्यवस्था लचर होने से सीसीएल कर्मियों व गैर सीसीएल कर्मियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है.
पिपरवार. पिपरवार को लेकर भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. विशुझापा कॉलोनी, 172 कॉलोनी, 64 कॉलोनी व 122 कॉलोनी में सीसीएल की जलापूर्ति व्यवस्था लचर होने से सीसीएल कर्मियों व गैर सीसीएल कर्मियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. वहीं पानी की किल्लत के बीच लोग पानी की बिक्री करने लगे हैं. बताया जाता है कि कुछ लोग अपने यहां बोरिंग करा पड़ोसियों को 100 रुपये प्रति घंटा पानी बेच रहे हैं. वहीं कुछ लोग 500 रुपये प्रतिमाह की दर से पानी की आपूर्ति कर रहे हैं. हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं, जो मानवता के नाते एक दूसरे की मदद कर रहे हैं. यह स्थिति कमोबेश सभी कॉलोनियों में देखने को मिल रही है. लोगों के अनुसार प्यास बुझाने के लिए उन्हें पानी खरीदना पड़ रहा है. दूसरी तरफ कोयलांचल में मिनरल वाटर का धंधा काफी फल-फूल रहा है. 172 कॉलोनी के एक पानी व्यवसायी ने तो एटीएम मशीन लगा दी है. जितना पैसा डालोगे..उतना पानी मिलेगा. बावजूद इसके बहुत से लोग ऐसे हैं, जो पानी खरीद कर पी नहीं सकते. ऐसे में लोगों ने सीसीएल प्रबंधन से कॉलोनियों में जलमीनार की संख्या बढ़ाने व कुछ जगहों पर आरओ वाटर प्लांट लगाने की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है