रांची. राज्य सरकार ने सरकारी विश्वविद्यालयों में शोध कार्य को बढ़ावा देने की योजना तैयार की है. इसके तहत विनोबा भावे विवि हजारीबाग में चार सेंटर फॉर एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना तैयार की गयी है. इनमें सेंटर फॉर एक्सीलेंस ऑन साइबर सिक्योरिटी, सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन रिमोट सेंसिंग एंड जीआइएस, सेंटर फॉर एक्सीलेंस ऑन सोशल साइंस तथा सेंटर फॉर एक्सीलेंस ऑन अप्लाइड साइंस शामिल हैं. सेंटर फॉर एक्सीलेंस उक्त विवि में मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (मेरू) के अंतर्गत स्थापित होंगे. सरकार पीएम उषा के तहत इस योजना के लिए 99 करोड़ 78 लाख 50 हजार रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दे चुकी है.
नयी टेक्नोलॉजी व रणनीतियों की उन्नति पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन साइबर सिक्योरिटी के तहत साइबर खतरों और अपराध के खिलाफ कंप्यूटर नेटवर्क और सिस्टम की सुरक्षा के लिए नयी टेक्नोलॉजी व रणनीतियों की उन्नति पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा. छात्रों को साइबर सुरक्षा में बेस्ट प्रैक्टिसेस और इमर्जिंग रिस्क पर शिक्षा प्रदान की जायेगी. इसका उद्देश्य साइबर विशेषज्ञों की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए कार्यबल तैयार करना है. इसी प्रकार रिमोट सेंसिंग एंड जीआइएस में भूमि उपयोग मानचित्रण और निगरानी, आपदा प्रबंधन, जलवायु निगरानी, शहरी नियोजन, मौसम पूर्वानुमान, वन मानचित्रण, जल प्रबंधन, खनन आदि क्षेत्रों में डाटा का विश्लेषण करने के लिए नये तरीके विकसित करने होंगे एवं शोध कार्य होगा. सोशल साइंस और अप्लाइड साइंस के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों व शिक्षकों को सहयोग प्रदान किया जायेगा. इनोवेशन व स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा. मेरू की स्थापना के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 60:40 की होगी. इसके तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत केंद्रांश मद में 50 करोड़ तथा राज्यांश मद में 34 करोड़ रुपये यानी कुल 84 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध किया गया है.
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