झारखंड : विशाल ने सरकार को बेचा ITI में इस्तेमाल होने वाले उपकरण, 57 रुपये का स्क्रू ड्राइवर 348 में दिया
विशाल चौधरी के कंप्यूटर से आपूर्ति का ब्योरा मिलने के बाद इडी ने श्रम निदेशालय के निदेशक को पत्र लिखा और टेंडर, एकरारनामा, एमओयू व सामग्री की सूची सहित अन्य जानकारियां मांगी
शकील अख्तर, रांची :
विशाल चौधरी ने सरकार को ‘इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट’ में इस्तेमाल होनेवाली मशीनों और उपकरणों की आपूर्ति की है. उसने अपनी कंपनियों के माध्यम से इन उपकरणों और मशीनों के लिए ‘जेम पोर्टल’ पर जो रेट कोट किया था, उससे कई गुना ज्यादा कीमत पर सरकार को बेचा. मिसाल के तौर पर विशाल ने खुले बाजार में महज 57 रुपये में मिलनेवाला स्क्रू ड्राइवर सरकार को 348 रुपये में बेचा, जबकि दिल्ली की एक कंपनी ने उसे यही स्क्रू ड्राइवर 18 रुपये और दूसरी कपंनी ने 20 रुपये में देने की पेशकश थी. सामग्री के मूल्य का यह तुलनात्मक ब्योरा विशाल के ही कंप्यूटर से इडी को मिला है. उक्त कारनामे को अंजाम देने के लिए उसने राज्य सरकार के अधिकारियों की मदद ली. सरकार को महंगी दर पर उपकरण और मशीनें बेचने से हुई नाजायज कमाई में से विशाल ने आइएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का को भी हिस्सा दिया. उसने अपने कर्मचारियों की मदद से मुनाफे की रकम का 50 प्रतिशत हिस्सा एक्का के पारिवारिक सदस्यों के बैंक खातों में जमा कराया.
विशाल चौधरी के कंप्यूटर से आपूर्ति का ब्योरा मिलने के बाद इडी ने श्रम निदेशालय के निदेशक को पत्र लिखा और टेंडर, एकरारनामा, एमओयू व सामग्री की सूची सहित अन्य जानकारियां मांगी. निदेशालय ने अगस्त 2023 को इडी को सारी जानकारी उपलब्ध करा दी. इडी ने जांच में पाया कि विशाल ने ‘इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट’ के लिए आपूर्ति के बाबत दिल्ली की दो कंपनियों- आइटीआइ पावर टेक और एजी इंटरप्राइजेज से मशीनों और उपकरणों के मूल्य की जानकारी मांगी थी. दोनों कंपनियों से मिली संबंधित मशीनों और उपकरणों के मूल्य की लिखित जानकारी मिलने के बाद विशाल ने अपने कंप्यूटर में एक्सल शीट पर एक तुलनात्मक चार्ट भी बनाया था. इसी एक्सल शीट के एक कॉलम में सरकार को बेचे गये मूल्य का भी उल्लेख किया गया था.
Also Read: झारखंड कौशल विकास का टेंडर मैनेज करने के लिए विशाल ने अफसरों और मंत्री को दिये थे पैसे, ED की जांच में खुलासा
ऐसे कमाया नाजायज मुनाफा :
इडी ने जांच में पाया कि दिल्ली की कंपनियों द्वारा बताये गये मूल्य संबंधित सामग्रियों के बाजार मूल्य से काफी कम थे. मसलन- आइटीआइ पावर टेक ने स्क्रू ड्राइवर की कीमत 18 रुपये और एजी इंटरप्राइजेज ने 20 रुपये बतायी थी. विशाल ने इसे सरकार को 348 रुपये की दर पर बेचा. इसी तरह आइटीआइ पावर टेक ने ‘फाइल हाफ राउंड सेकंड कट-15 सीएम’ की कीमत 55 रुपये और एजी इंटरप्राइजेज ने 44 रुपये बतायी थी, वहीं खुले बाजार में इसकी कीमत 100 रुपये है, लेकिन विशाल चौधरी ने सरकार को इसे 499.50 रुपये की दर से बेचा.
दिल्ली की इन दोनों कंपनियों ने कंप्यूटराइज्ड ह्वील बैलेंसर की कीमत नहीं बताया थी. इडी ने जांच पाया कि यह खुले बाजार में 60 हजार रुपये में उपलब्ध है, लेकिन विशाल ने यह उपकरण सरकार को 2.49 लाख रुपये की दर से बेचा. इडी ने इंडस्टियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए आपूर्ति को लेकर विभिन्न कंपनियों द्वारा ‘जेम पोर्टल’ पर कोट किये गये रेट की भी जांच की. इसमें यह पाया कि विशाल ने अपनी कंपनियों के माध्यम से ‘जेम पोर्टल’ पर जो रेट कोट किया था, वह खुले बाजार की कीमत से मिलते-जुलते थे, लेकिन उसने अधिकारियों की मदद से इन उपकरणों और मशीनों को कई गुना अधिक दर पर बेचा.
नाजायज कमाई से हुए मुनाफे में से 50 प्रतिशत हिस्सा विशाल चौधरी ने आइएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का को दिया
अधिक दर पर बेची गयी सामग्रियों का उदाहरण
बाजार दर सरकार को बेचा सामग्री का ब्योरा
2000 7000 7 सेगमेंट डीपीएम ट्रेनर
57 348 स्क्रू ड्राइवर 150 एमएस
247.50 800 स्क्रू ड्राइवर 100 एमएस
800 5,848 एसी एमआइ आमीटर एनालॉग पोर्टेबल 0-5ए
60,000 2,49000 कंप्यूटराइज्ड ह्वील बैलेंसर
250 2,405 आउटसाइड माइक्रोमीटर 25-50
5,500 27,720 ऑयल टेस्टिंग किट
1400 10,840 डायल वर्नियर कैलिपर 300 एमएस
1200 4,670 डायल वर्नियर 0-200 एमएम
2500 8,500 डिजिटल आइसी ट्रेनर किट
700 3,117.50 थ्री फेज एनर्जी मीटर 25A
1500 19,500 लीनियर आइसी ट्रेनर
100 499.50 फाइल हाफ राउंड सेकंड कट 15 सीएम