डॉक्टर की पर्ची के बिना बेची जा रही थी नींद की दवा, हंगामा

बगैर डॉक्टर की पर्ची के दवा दुकानों व क्लीनिक में धड़ल्ले से नींद की दवा बेची जा रही है. युवा इस दवा का इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहे हैं. ताजा मामला जिला परिषद बस स्टैंड के ठीक सामने स्थित जीवन ज्योति ई-क्लीनिक से जुड़ा है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 11, 2024 1:01 AM

प्रतिनिधि, चंदवा(लातेहार).

बगैर डॉक्टर की पर्ची के दवा दुकानों व क्लीनिक में धड़ल्ले से नींद की दवा बेची जा रही है. युवा इस दवा का इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहे हैं. ताजा मामला जिला परिषद बस स्टैंड के ठीक सामने स्थित जीवन ज्योति ई-क्लीनिक से जुड़ा है. प्रखंड मुख्यालय स्थित बादुर बगीचा की महिलाओं ने सोमवार को उक्त दुकान के सामने हंगामा किया. मौके की नजाकत भांप दुकानदार अपनी दुकान बंद कर फरार हो गया. महिला के परिजनों का आरोप है कि दुकानदार पीछे के दरवाजे से भारी मात्रा में नशे और नींद की गोलियां लेकर फरार हो गया है. ज्ञात हो कि पूर्व में इस क्लीनिक में कोरबा (छत्तीसगढ़) पुलिस छापामारी कर चुकी है.

यह है मामला :

नींद की गोली खाकर नशा करनेवाले बादुर बगीचा निवासी विवेक कुमार (19) और नीरज कुमार (18) का इलाज चंदवा सीएचसी में चल रहा है. दोनों किसी को नहीं पहचान रहे. विवेक की मां ने बताया कि चार दिनों से विवेक का व्यवहार काफी बदल गया है. बात-बात पर वह चिखता-चिल्लाता है. पैसे मांगता है. पैसे नहीं देने पर हंगामा करता है. खाना भी नहीं खाता. तीन दिनों में उसने मात्र एक ग्लास सत्तू पीया है. सोमवार को उसने पैसों की जिद की. पति के कहने पर उसे 50 रुपये दिये. एक अन्य लड़के को विवेक के पीछे यह देखने के लिए भेजा कि वह कहां जाता है. पैसा लेकर विवेक जीवन ज्योति ई-क्लीनिक पहुंचा और दवा ली. उसके पीछे गये लड़के ने मुझे पूरी बात बता दी. तत्काल महिला नेत्री अनीता देवी के साथ वे लोग क्लीनिक पहुंचे. उन लोगों ने भी वही दवा खरीदी, तब जाकर पता चला कि यह नींद की गोली है. उन्होंने कहा कि चंद रुपयों के लिए दुकानदार किसी का घर उजाड़ रहे हैं. महिलाओं ने दुकानदार पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस को आवेदन सौंपा है. इस संबंध में लातेहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव विजय कुमार ने कहा कि ऐसी जीवन रक्षक दवाओं की खरीद-बिक्री के लिए नारकोटिक्स लाइसेंस जरूरी है. दवा खरीदनेवाले के पास डॉक्टर की पर्ची होना जरूरी है, जिसका पूरा विवरण दुकानदार को रजिस्टर में दर्ज करना होता है. उक्त नियमों का उल्लंघन कर दवा बेचना पूरी तरह अवैध है और एसोसिएशन इसका विरोध करता है.

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