रांची में अभी से ही गहराने लगा जल संकट, कई इलाकों में कुएं सूखे, गर्मी में कैसे बूझेगी लोगों की प्यास?

गर्मी के दिनों में कमोबेश शहर के सभी मोहल्लों में बोरिंग फेल होने की शिकायत निगम के पास पहुंचती है. लेकिन, शहर के कुछ मोहल्ले ऐसे हैं, जहां गर्मी के दिनों में पानी के लिए त्राहिमाम मच जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2023 12:07 PM

राजधानी में अभी गर्मी ने दस्तक भी नहीं दी है, लेकिन शहर के कई मोहल्लों में जलसंकट गहराने लगा है. खासकर हरमू और रातू रोड के इलाके में कुएं अभी से ही सूखने लगे हैं. वहीं, जलस्तर नीचे जाने से बोरिंग भी जवाब देने लगी है. हरमू इलाके में बोरिंग फेल हो गयी. ऐसे में आनेवाले दिनों में जलसंकट की स्थिति विकट हो सकती है. इधर, जलसंकट से निबटने के लिए निगम ने भी तैयारी शुरू कर दी है. निगम बकरी बाजार स्टोर में खड़े टैंकरों को तैयार करने में जुट गया है, ताकि आनेवाले दिनों में जलसंकट वाले मोहल्लों में टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा सके. हालांकि अभी जल संकट की शिकायत निगम के पास नहीं आ रही है.

ड्राइ जोन के रूप में है कई मोहल्लों की पहचान :

गर्मी के दिनों में कमोबेश शहर के सभी मोहल्लों में बोरिंग फेल होने की शिकायत निगम के पास पहुंचती है. लेकिन, शहर के कुछ मोहल्ले ऐसे हैं, जहां गर्मी के दिनों में पानी के लिए त्राहिमाम मच जाता है. इनकी ड्राइ जोन के रूप में पहचान है. इनमें रातू रोड के स्वर्णजयंती नगर, मधुकम, आनंद नगर, गंगानगर, विद्यानगर, यमुनानगर, हरमू हाउसिंग कॉलोनी व हरमू बस्ती, हिंदपीढ़ी, नाला रोड, पत्थलकुदवा, थड़पखना, एदलहातू, चिरौंदी आदि इलाके शामिल हैं. यहां के लोग गर्मी के दिनों में पूरी तरह से से सप्लाई पाइपलाइन व टैंकर पर आश्रित हो जाते हैं.

पानी बचाने को लेकर कोई गंभीर नहीं :

शहर में हर गर्मी में जल संकट की स्थिति उत्पन्न होती है. लेकिन लोग पानी बचाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में रुचि नहीं दिखाते हैं. इसी का नतीजा है कि हर साल गर्मी के दिनों में वाटर लेवल नीचे चला जाता है और लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस जाते हैं.

हर साल 350 मिनी एचवाइडीटी लगाता है निगम :

जल संकट को देखते हुए निगम भी कोई बड़ा कदम उठाने की बजाय प्रभावित मोहल्ले में मिनी एचवाइडीटी लगा देता है. मिनी एचवाइडीटी के तहत यहां बोरिंग करा कर पानी की टंकी लगवा दी जाती है. इससे लोग पानी ले जाते हैं. नगर निगम हर साल करीब 350 जगहों पर बोरिंग कर मिनी एचवाइडीटी लगाता है.

प्यास बुझाने के लिए निगम के पास हैं ये संसाधन :

गर्मी में लोगों की प्यास बुझाने के लिए नगर निगम के पास वर्तमान में 40 टैंकर हैं. ये टैंकर दो हजार से लेकर 10 हजार लीटर क्षमता तक के हैं. गर्मी के दिनों में इन टैंकरों से ही शहर के प्रभावित मोहल्लों में जलापूर्ति की जाती है.

न्यूनगर में सूखने लगा कुआं, अभी से संकट शुरू

राजधानी की न्यूनगर कॉलोनी में गर्मी शुरू होने से पहले ही कुआं सूखने लगा है. मोहल्ला के निवासी आरडी शर्मा ने बताया कि आज से दस साल पहले तक मई के शुरू तक कुआं नहीं सूखता था, लेकिन कुछ साल से स्थिति बिगड़ गयी है. अब तो बड़े अपार्टमेंट बनकर खड़े हो गये हैं. जब यहां लोग रहने लगेंगे, तो पानी का संकट और गहरायेगा.

रातू रोड में अभी से जल संकट, जलस्तर नीचे गया

रातू रोड के स्वर्णजयंती नगर और मधुकम के कुछ इलाकों में पानी का स्तर नीचे चला गया है. काफी देर तक मोटर चलाने के बाद टंकी भर रहा है. ऐसे मोहल्ला के लोगों का कहना है कि 15 दिन बाद स्थिति और गंभीर हो जायेगी.

हर घर को दिया जायेगा वाटर कनेक्शन

हर घर नल योजना के तहत राज्य सरकार शहर के सभी 2.25 लाख घरों को वाटर कनेक्शन देने की तैयारी में है. इसके लिए सभी मोहल्लों में पाइपलाइन बिछायी जा रही है. इसके तहत 1.06 लाख घरों को वाटर कनेक्शन देने की तैयारी है. अब तक 38 हजार घरों को वाटर कनेक्शन दिया जा चुका है.

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