जिस गांव में पानी पहुंचाने का दावा, वहां पाइपलाइन भी नहीं, 3331 घरों में सिर्फ कागज पर पहुंचा नल से जल

जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक राज्य में 61.20 लाख घरों में नल से जल पहुंचाने की योजना चल रही है. मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में 29,595 गांव हैं. इसमें से अब तक 1,929 गांव के सभी घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचा दिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 11, 2023 9:51 AM

रांची, सतीश कुमार. जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक राज्य में 61.20 लाख घरों में नल से जल पहुंचाने की योजना चल रही है. मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में 29,595 गांव हैं. इसमें से अब तक 1,929 गांव के सभी घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचा दिया गया है. रांची के नामकुम ब्लॉक के महिलौंग व टाटी गांव को भी इसमें शामिल बताया गया है. परंतु जब प्रभात खबर ने इन दोनों गांवों का जायजा लिया तो पता चला की अभी तक इन गांव में नल से जल पहुंचाने को लेकर पाइपलाइन भी नहीं बिछायी गयी है. कागज पर ही इन दोनों गांव के 3331 घरों में पानी पहुंचा दिया गया है.

महिलौंग में चार साल में पाइपलाइन भी नहीं बिछी

महिलौंग गांव की दूरी राजधानी रांची से आठ से 10 किलोमीटर है. इस गांव में 905 घर हैं. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से वर्ष 2018-19 में जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल जल योजना शुरू की गयी थी. इसके लिए 25.77 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे. योजना पर 21.49 करोड़ रुपये खर्च भी हो चुके हैं. इसके बावजूद अभी तक काम पूरा नहीं हो पाया है. गांव में जलमीनार तैयार की गयी है. कुछ इलाकों में पाइपलाइन बिछा कर छोड़ दी गयी है. इस गांव के जलमीनार तक स्वर्णरेखा नदी से पानी लाने की योजना है, लेकिन यह काम अभी अधूरा है.

टाटी में जलमीनार का काम अब भी अधूरा

जल जीवन मिशन के तहत टाटी गांव के 2426 घरों तक नल से जल पहुंचाना है. इसको लेकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ओर से काम शुरू कराया गया है. पंचायत भवन के पास ही जलमीनार बनायी जा रही है. अभी जलमीनार निर्माण का काम पूरा नहीं हो पाया है. पंचायत भवन के सामने पाइप बिखरे पड़े हैं. अब तक पाइपलाइन नहीं बिछायी गयी है.

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रांची के इन गांवों के सभी घरों में नल से जल पहुंचाने का दावा

मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, रांची के 90 गांवों में नल से जल पहुंचाने का दावा किया गया है. इसमें असरी, लुपुंग, रुपारु, मुंगाडीह, नवाडीह, गुटुहटु, भोरगाडीह, परमडीह, बिच्छाहातु, बुढ़ाडीह, हेथबुराडीह, पीरागुटु, हेंदाग, अदरा, हुटपाई, बेयासी, कंजगी, मदाई, सिसई, चुटयो, होदापीरी, कुलू, मेलानी, मुरतो, गणेशपुर, हुरहुरी, नवडीह, सिलागाईं, ओयना, पिरतुल, महुलिया, कुटे टोली, महिलौंग, गरातू, हुरिंगदाग, टाटी, चंदरा, कोउवालु, उलातू, परसा टोला, हलवाडी, पुंदाग, गणेशपुर, सेहर, जारीबार, कमता, धकजीवन, बेगीनबंदा, कुकई व अन्य शामिल हैं.

क्या कहते हैं मुखिया

महिलौंग गांव के मुखिया संदीप तिर्की ने बताया कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर एक साल से जल मीनार बना कर छोड़ दिया गया है. कुछ इलाकों में पाइपलाइन बिछायी गयी. अभी भी यह काम पूरा नहीं हो पाया है. गांव के लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं.

अभी चल रहा है काम, मंत्रालय की रिपोर्ट की जानकारी नहीं : कार्यपालक अभियंता

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग रांची पश्चिमी के कार्यपालक अभियंता अनिल गुप्ता ने कहा कि इन दोनों गांव में अभी काम चल रहा है. मंत्रालय की रिपोर्ट में कैसे इन दोनों गांव के सभी घरों में नल से जल पहुंचाने की बात कही गयी है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है.

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