राजधानी रांची के इस गांव में मंडरा रहा है जलसंकट, 4 जलमीनार में केवल एक की स्थिति ठीक
रांची के गांव में करीब 1000 घर पर 10000 से ज्यादा जनसंख्या है. इतनी बड़ी जनसंख्या के बावजूद गांव में केवल 4 जलमीनार है. इसमें सिर्फ एक की है स्थिति ठीक है.
समीर उरांव, रांची:
राजधानी रांची के खटंगा में पानी की गंभीर समस्या है. गांव का लगभग सारा कुंआ सूखने के कगार पर हैं या फिर सूख चुका है. इस वजह से गांव के लोगों को पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है. जो लोग पानी नहीं खरीद पाते हैं उन्हें गांव के सरकारी चापाकल से निकला गंदा पानी पड़ पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर कि अगर इस समस्या का जल्द से जल्द हल नहीं निकाला गया तो गांव के लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा.
इस बारे में जब प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने ग्रामीणों से बातचीत की तो पता चला कि गांव के करीब 1000 घर पर 10000 से ज्यादा जनसंख्या है. इतनी बड़ी जनसंख्या के बावजूद गांव में केवल 4 जलमीनार है. इसमें सिर्फ एक की है स्थिति ठीक है. गांव के लोगों ने कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों से खराब पड़े जलमीनार को ठीक कराने की मांग की. लेकिन किसी ने भी उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया.
गांव के लोग बताते हैं कि जिनके पास पैसा है वो तो बोरिंग करा लेते हैं. लेकिन जो गरीब हैं वो अपने घर में बोरिंग कहां से करायेंगे. मजबूरन उन लोगों को पानी खरीदकर पीना पड़ता है. शादी ब्याह के दिनों में तो स्थिति और खराब हो जाती है.
गांव के सरकारी चापाकल भी खराबखंटगा गांव के सुदर्शन गोप से जब सरकारी चापाकलों की स्थिति के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि चापाकल की स्थिति भी बेहद खराब है. जानकारी के मुताबिक, गांव में सरकारी चापाकल सिर्फ 10 है. उनमें से 3 की ही स्थिति ठीक है. बाकी सात बेकार पड़े हैं. जिन चापाकलों की स्थिति ठीक है, उसमें आर्सेनिक की मात्रा इतनी अधिक है कि उस पानी के इस्तेमाल से लोगों की दांत भी खराब हो जाती है.
पंचायत भवन के पास स्थित जलमीनार भी खराबरांची के खंटगा स्थित पंचायत भवन स्थित जलमीनार भी खराब है. बता दें कि इस भवन में गांव के मुखिया अनिल लिंडा बैठते हैं. लेकिन, इस जलमीनार की देखरेख जिम्मा किस पर है ये तय नहीं है. केवल यहां पर जलमीनार का ढांचा ही खड़ा है. बता दें कि इसका निर्माण मुख्यमंत्री नलजल योजना के तहत किया गया था.
क्या कहते हैं मुखिया अनिल लिंडाखटंगा पंचायत के मुखिया अनिल लिंडा से इस संबंध में जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिन जिन जगहों पर नये चापानल की जरूरत है उसके निर्माण के लिए प्रमुख को आवेदन दे दिया गया है. इसके अलावा खराब पड़े चापानलों की मरम्मत का कार्य जारी है. जहां तक खराब पड़े जलमीनार की बात है इस दिशा में जेई को अवगत करा दिया गया है. जल्द ही सभी जगहों के खराब पड़े जलमीनार का सर्वे कराकर ठीक करा लिया जायेगा.