झारखंड के 90 फीसदी स्कूलों में ही वाटर हार्वेस्टिंग, हर साल दो से पांच मीटर जल स्तर जा रहा नीचे
झारखंड के 90 प्रतिशत स्कूलों में अब भी वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है. राज्य के 40,512 स्कूलों में से सिर्फ 4,027 स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था मौजूद है.
झारखंड में गिरता जल स्तर चिंता का सबब बन रहा है. सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के अनुसार, राज्य में औसतन दो से पांच मीटर जल स्तर नीचे जा रहा है. सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड ने सरकारी भवनों में वर्षा जल को रोकने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग का सुझाव दिया है.
राज्य सरकार ने भी अब नये बननेवाले भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है. जानकारी के अनुसार, राज्य के 90 प्रतिशत स्कूलों में अब भी वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है. राज्य के 40,512 स्कूलों में से सिर्फ 4,027 स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था मौजूद है.
रांची के 65 % स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग नहीं
जल शक्ति मंत्रालय की ओर से तैयार आंकड़ों के अनुसार राजधानी रांची के सबसे अधिक स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की गयी है. इसके बाद भी यहां के 65 प्रतिशत स्कूल में अब भी इसकी व्यवस्था नहीं हो पायी है.
रांची के 2,564 स्कूलों में से 880 में ही वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था है. हालांकि जल जीवन मिशन के तहत 34,037 स्कूलों में नल से जल पहुंच पाया है. वहीं 6,111 स्कूलों में ग्रे वाटर मैनेजमेंट की व्यवस्था है. यहां पर दूषित व वेस्ट पानी के ट्रीटमेंट की की व्यवस्था की गयी है.
कस्तूरबा विद्यालयों में रिक्त हैं शिक्षकों के 275 पद
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शिक्षकों के 275 पद रिक्त हैं. शिक्षा परियोजना ने रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है. राज्य के 203 कस्तूरबा विद्यालयों में कुल 1015 शिक्षकों के पद सृजित हैं. वर्तमान में 740 शिक्षक कार्यरत हैं. विद्यालयों में 275 पद रिक्त हैं. जिलों के द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया भी शुरू की गयी है.